सार्क सैटेलाइट को लेकर चीनी मीडिया ने भारत को सराहा

सार्क देशों के लिए साझा उपग्रह लॉन्च करने की भारत की योजना को चीन की मीडिया ने भी सराहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सार्क सैटेलाइट की सराहना करते हुए इसे एक अच्छी पहल बताया. साथ ही साथ ये भी कहा कि भारत के पड़ोसी देशों के साथ अंतरिक्ष सहयोग मजबूत करने की योजना में चीन को बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

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नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी

संदीप कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2017,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

सार्क देशों के लिए साझा उपग्रह लॉन्च करने की भारत की योजना को चीन की मीडिया ने भी सराहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सार्क सैटेलाइट की सराहना करते हुए इसे एक अच्छी पहल बताया. साथ ही साथ ये भी कहा कि भारत के पड़ोसी देशों के साथ अंतरिक्ष सहयोग मजबूत करने की योजना में चीन को बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

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इसी हफ्ते सार्क सैटेलाइट लॉन्च करेगा भारत
गौरतलब है कि सार्क सैटेलाइट पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और पड़ोसी देशों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति के जरिए पीएम मोदी बड़ा संदेश देना चाहते हैं. इसी हफ्ते भारत ये सैटेलाइट ल़न्च करने जा रहा है.

ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि, ‘दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरिक्ष कूटनीति पर काफी जोर दिया जा रहा है लेकिन चीन और भारत के बीच रुकी हुई अंतरिक्ष सहयोग योजना पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है.’ लेख में चीन-भारत सहयोग का ज़िक्र किया गया है जिस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की 2012 में हुई चीन यात्रा के दौरान विचार किया गया था.

'चीन को भी शामिल करे भारत'
लेख में ये भी लिखा गया है, ‘दक्षिण एशियाई देशों के लिए उपग्रह सेवा मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने जो प्रयास किये हैं वह काफी प्रशंसा योग्य है लेकिन भारत ने पड़ोसी देशों के साथ अंतरिक्ष सहयोग मजबूत करने के लिए जो भी कदम उठाये हैं उसमे चीन को बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

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साउथ एशिया को भारत का 450 करोड़ का तोहफा
भारत ने पहली बार अपनी स्पेस कूटनीति में ऐसा कौशल दिखाया है. बताया जा रहा है कि इस साउथ एशिया सैटेलाईट लॉन्च की कुल लागत 450 करोड़ रुपये है. ये साउथ एशिया को भारत का एक बड़ा तोहफा है.

भारत के इस फैसले से पड़ोसी देशों को काफी हद तक आर्थिक मदद मिलेगी और साथ ही संचार के क्षेत्र में विकासपूर्ण सहायता मिलेगी.

नहीं किया पाक को शामिल
भारत, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, बांग्लादेश और अफगानिस्तान सार्क देशो में शामिल हैं पर पाकिस्तान इस सैटेलाईट परियोजना से अभी भी बहार है. हालाँकि पाकिस्तान सार्क की इस सैटेलाईट परियोजना से ये कहते हुए बाहर हुआ की उसके अपने स्पेस प्रोग्राम्स हैं. पर एक्सपर्ट्स का ये कहना है की पाकिस्तान ने एक बहुत बड़ा अवसर खो दिया क्योंकि उसके अपने स्पेस प्रोग्राम की दयनीय स्थिति है.

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