ताइवान का समर्थन करने के लिए चीन ने दी अमेरिका को धमकी, कहा- चुकानी होगी 'भारी कीमत'

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ताइवान ने भी चिंता जताई थी कि चीन भी उस पर हमला कर सकता है. इसके बाद अमेरिका ने पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को ताइपे भेजा था. जिस पर चीन बिफर गया.

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चीन ने दी अमेरिका को चेतावनी चीन ने दी अमेरिका को चेतावनी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:38 PM IST
  • अमेरिका ने पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को ताइपे भेजा था
  • 'अमेरिका का ताइवान को समर्थन दिखाना व्यर्थ है, चाहे उसने किसी को भी भेजा हो'

चीन (China) का कहना है कि ताइवान (Taiwan) की स्वतंत्रता के लिए समर्थन दिखाने की कोशिश करना अमेरिका (America) को भारी पड़ सकता है. मंगलवार को चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी कि इसके लिए उसे 'भारी कीमत' चुकानी होगी. 

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को ताइपे भेजा था. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ही, ताइवान ने कहा था कि चीन भी ऐसे समय में उस पर हमला कर सकता है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसे अपने अधीन लाने का फैसला कर चुका है.

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अमेरिका का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा ताइवान

ताइवान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के पूर्व अमेरिकी अध्यक्ष माइक एडमिरल (रिटायर्ड) मुलेन की अध्यक्षता में, पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया. ताइवान के साथ नज़दीकियां बढ़ाने की अमेरिकी कोशिश पर चीन बौखला गया है.

चीन ने पिछले कुछ महीनों में, ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में वायु सेना के सैकड़ों जेट भेजे हैं और सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है. इसके साथ ही, नौसैनिक बलों को भी तैयार किया हुआ है.

ताइवान और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से, चीन के ताइवान पर जबरन कब्जा करने की धमकी पर नए सिरे से ध्यान गया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी ताइवान पहुंचेंगे

एजेंसी के मुताबित, मुलेन के अलावा, पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को भी बुधवार को ताइवान पहुंचा है. मुलेन और पोम्पिओ दोनों को अमेरिक के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान, चीन विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. ये दोनों ताइवान के राष्ट्रपति सई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) से मुलाकात करेंगे. सई इंग-वेन को चीन, ताइवान की स्वतंत्रता की वकालत करने वाला रिंग-लीडर कहता है.

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चीन ने इस यात्रा की आलोचना की

चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों की इस यात्रा की आलोचना की. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, 'चीनी लोग राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ हैं. अमेरिका का ताइवान को समर्थन दिखाना व्यर्थ है, चाहे उसने किसी को भी भेजा हो.'

वांग वेनबिन ने कहा कि अगर अमेरिका ताइवान की स्वतंत्र अलगाववादी ताकतों को प्रोत्साहित करने का इरादा रखता है, तो इससे केवल उनका नुक्सान होगा और अमेरिका को इस साहसी काम के लिए भारी कीमत चुकानी होगी.

उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करके चीन को डराना चाहता है, तो 1.4 अरब चीनी लोग दृढ़ता से एकजुट हैं और कथित सैन्य प्रतिरोध रद्दी के अलावा और कुछ नहीं होगा.

 

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