चीन ने फिर लगाया आरोप, सीमा पर तनाव के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी गलत चीजों को तुरंत ठीक करे, जल्द से जल्द सैनिकों को हटाए और चीन-भारत सीमा पर बने तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाए.

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लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद बना हुआ है (Getty Images) लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद बना हुआ है (Getty Images)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली ,
  • 16 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST
  • चीनः भारत अपनी गलत चीजों को ठीक करे
  • 'जल्द से जल्द सैनिकों को हटाए भारत'
  • 'सीमा पर बने तनाव के लिए चीन जिम्मेदार नहीं'

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी बनी हुई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को भारत से अनुरोध किया कि वह अपनी गलत चीजों को ठीक करे और जल्द से जल्द जमीनी स्तर पर सैनिकों को हटाया जाए, जबकि भारत और चीन के बीच हालिया हुए सीमा संघर्ष के लिए भारत जिम्मेदार है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी गलत चीजों को तुरंत ठीक करे, जल्द से जल्द सैनिकों को हटाए और चीन-भारत सीमा पर बने तनाव को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए.

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चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से लिखा कि उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा पर बने तनाव के लिए चीन जिम्मेदार नहीं है, और यह भारत है जिसने पहले द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया, अवैध रूप से उकसावे के लिए सीमा रेखा को पार किया, एकतरफा रूप से सीमा क्षेत्र की यथास्थिति को बदल दिया, और चीनी सीमा पर सैनिकों को धमकी देने के लिए गोलियां भी चलवाईं.

वांग वेनबिन ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हवाले से टिप्पणी की कि चीन के साथ सीमा विवाद अभी भी "अनसुलझा" हुआ है, और मंगलवार को अपने भाषण में उन्होंने भारत के साथ सीमा समझौते का "उल्लंघन" करने के लिए चीन को दोषी ठहराया.

चीनी प्रवक्ता वांग ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि भारत दोनों देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण आम सहमति का पालन करेगा, द्विपक्षीय संबंधों में उचित फोरम पर मतभेद के मुद्दों को रखेगा, मतभेदों को संघर्ष में बदलने से बचाएगा और उन परिस्थितियों से बचेगा जो स्थिति को आगे खराब कर सकती है.

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चीन ने यह भी कहा कि वह सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से भारत के साथ संपर्क बनाए रखना चाहेगा.

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