चीन ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने मंगलवार को कहा कि शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा बांग्लादेश का घरेलू मामला है. इसी के साथ चीन ने कहा कि बांग्लादेश एक अच्छा पड़ोसी है.
सोमवार को 78 साल की शेख हसीना को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने फांसी की सजा सुनाई. यह सजा उन्हें मानवता के खिलाफ कथित अपराध के मामले में सुनाई गई है.
पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्या के मामले में अदालत ने शेख हसीना को दोषी ठहराया और उनकी अनुपस्थिति में ही उन्हें मौत की सजा सुनाई. इसी आरोप में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई गई है.
इस मामले पर टिप्पणी मांगे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अतिरिक्त टिप्पणी से इनकार करते हुए बेहद सधा हुआ जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'यह बांग्लादेश का घरेलू मामला है.'
माओ ने कहा कि चीन बांग्लादेश के सभी नागरिकों के प्रति अच्छे पड़ोसी और मित्रता की नीति के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'हम ईमानदारी से आशा करते हैं कि बांग्लादेश एकजुटता, स्थिरता और विकास हासिल करे.'
छात्र आंदोलन के दौरान शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत भाग आई थीं. तब से वो भारत में ही रह रही हैं. बांग्लादेश भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. सजा सुनाए जाने के बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है.
शेख हसीना को सजा सुनाए जाने को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'एक नजदीकी पड़ोसी के रूप में भारत बांग्लादेश के लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. भारत शांति, लोकतंत्र और मिलजुल कर आगे बढ़ने के रास्ते को जरूरी मानता है और हम भारत के साथ मिलकर आगे बढ़ते रहेंगे.'
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