हाल ही में अमेरिका के अधिकारियों ने दावा किया था कि अमेरिका की साउथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर न्यूक्लियर पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. अमेरिका ने कहा था कि यूएसएस कनेक्टिकट नाम की ये न्यूक्लियर सबमरीन किसी अज्ञात चीज से टकरा गई थी और इसके चलते अमेरिका के कुछ नौसैनिक घायल भी हो गए थे. इस मामले में अब चीन का कहना है कि अमेरिका इस मामले में पारदर्शिता बरत रहा है और उसका बयान गैर-जिम्मेदाराना है.
चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वो इस मामले में काफी ढुल-मुल रवैया अपना रहा है. बता दें कि इस घटना को लेकर अमेरिकी नौसेना द्वारा जारी बयान में जगह को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी.
इसके अलावा ये भी नहीं बताया गया था कि इस हादसे में कितने लोग घायल हुए हैं. हालांकि इसके बाद अमेरिकन मीडिया में ये बात सामने आई कि अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन की ये टक्कर दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई. अमेरिकन मीडिया ने कुछ अधिकारियों के हवाले से खबर चलाई थी कि इस दुर्घटना में अमेरिका के 11 नौसैनिक भी घायल हुए हैं.
'हर जगह लड़ाकू विमान और जंगी जहाज भेजना बंद करे अमेरिका'
इस घटना के लगभग एक महीने बाद अमेरिकन नौसेना ने एक बार फिर बयान जारी किया था. इस बयान में कहा गया था कि न्यूक्लियर पनडुब्बी की दुर्घटना की जांच के बाद पता चला है कि ये एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में काम करते हुए समुद्र के भीतर एक अज्ञात टीले से टकराई थी.
चीन ने भी अमेरिकी नौसेना के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीते मंगलवार को अपनी दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका को इस मामले में पूरी बात दुनिया के सामने रखनी चाहिए.
वांग ने कहा कि अमेरिका ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका गंभीर चिंता से जुड़ी बातों का जवाब नहीं दे रहा है. उन्हें बताना चाहिए कि आखिर परमाणु पनडुब्बी वहां क्या कर रही थी. क्या इस पनडुब्बी की दुर्घटना के बाद किसी और देश की जल सीमा में परमाणु लीकेज तो नहीं हुआ है.
इसके अलावा इस लीकेज से समुद्र के पर्यावरण को नुकसान तो नहीं पहुंचा है. अमेरिका को इन सभी गंभीर मसलों पर अपनी बात रखनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को हर जगह जहाज और लड़ाकू विमान भेजना बंद करना चाहिए. अमेरिका को चाहिए कि वो दूसरे देशों की सुरक्षा का उल्लंघन ना करें और अपनी सैन्य धौंस ना दिखाए.
चीन के लिए बेहद अहम है साउथ चाइना सी
गौरतलब है कि साउथ चाइना सी, इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला समंदर का एक हिस्सा है. इस हिस्से पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं. हालांकि, चीन कहता रहा है कि उसका इन इलाकों पर सदियों से अधिकार है.
वहीं बाकी देश चीन के दावों पर आपत्ति जताते रहे हैं. प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के बीच स्थित ये एक महत्वपूर्ण कारोबारी इलाका भी है. समुद्री व्यापार में दिक्कतें ना हो, इसके लिए अक्सर अमेरिकी नौसेना के जहाजों को गश्त लगाते हुए भी यहां देखा जा सकता है, हालांकि चीन ने अक्सर इस अमेरिकी गश्त की आलोचना की है.
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