चीन के ड्रग रेगुलेटर ने MPox की वैक्सीन को दी क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी

चीन की शीर्ष दवा नियामक ने स्थानीय दवा फर्म सिनोफार्मा द्वारा विकसित एमपॉक्स की वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है. कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा कि शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा निर्मित और सिनोफार्मा द्वारा एमपॉक्स की घरेलू वैक्सीन विकसित की है, जिसके संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.

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MPox. (फाइल फोटो) MPox. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • बिजिंग,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

चीन के ड्रग रेगुलेटर ने MPox वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है. चाइना की स्थानीय दवा फर्म सिनोफार्मा द्वारा विकसित इस वैक्सीन को शीर्ष दवा नियामक ने क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दी है. जो इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए देश की पहली एक्सपेरिमेंटल डोज होगी.

कंपनी ने सोमवार दोपहर को जारी किए बयान में कहा कि शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा निर्मित और सिनोफार्मा द्वारा एमपॉक्स की घरेलू वैक्सीन विकसित की है, जिसके संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.

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वहीं, चीन में अभी तक कोई भी वैक्सीन एमपॉक्स के लिए स्वीकृत नहीं है. इसके इतर ग्लोबल स्तर पर संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ, जापान और रूस में कुछ वैक्सीन को मंजूरी दी गई है. चीन में किसी वैक्सीन उम्मीदवार को बाजार में मंजूरी मिलने से पहले आमतौर पर क्लिनिकल ट्रायल के तीन चरणों से गुजरना पड़ता है.

इस प्रक्रिया में कई सालों या दशकों का वक्त भी लग सकता है. हालांकि, चीन सरकार द्वारा संचालित चाइना डेली की खबर के अनुसार, चीन के शीर्ष दवा नियामक, नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन ने नई दवाओं और टीकों या तत्काल जरूरत वाले लोगों के आवेदनों को सुविधाजनक बनाने के लिए कई त्वरित या सुव्यवस्थित चैनल लॉन्च किए हैं.

2022 में मिला था पहला केस

बता दें कि चीन में पहला इंपोर्ट केस सितंबर, 2022 में रिपोर्ट किया गया था और घरेलू मामला पिछले साल जून में दर्ज किया गया था. चाइना डेली की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के अंत तक देश में 2,567 पुष्ट मामले सामने आ चुके थे.

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