जल्द ही चीन में बच्चों से ज्यादा होंगे Pets... आबादी का नियम बदलने के बावजूद युवाओं का नया ट्रेंड बना सरकार का सिरदर्द

चीन के पालतू जानवरों की संख्या 2030 तक देशभर में चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या से लगभग दोगुनी हो जाएगी. दरअसल चीन के युवाओं के बीच बच्चे पैदा करने की बजाय पालतू जानवर पालने का चलन बढ़ा है जिसकी वजह से सरकरा भी परेशान हैं. अब चीन जन्म दर को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है.

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चीन में युवा आबादी के बीच बढ़ता जा रहा है पालतू जानवर पालने का क्रेज (AI Generated images) चीन में युवा आबादी के बीच बढ़ता जा रहा है पालतू जानवर पालने का क्रेज (AI Generated images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST

घटती आबादी के संकट से जूझ रहे चीन में जल्द ही बच्चों से ज्यादा जानवरों की संख्या हो जाएगी. CNN और गोल्डमैन सैश की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के शहरी पालतू जानवरों की आबादी साल के अंत तक चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या को पार कर जाएगी क्योंकि यहां Pet Parents यानि बच्चे पैदा करने की जगह पालूत जानवरों को रखने का चलन बढ़ रहा है.

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गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों से चली आ रही एक बच्चे की नीति के बाद चीन की आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है और उसका कार्यबल सिकुड़ रहा है.

बच्चे की बजाए Pets को तरजीह

युवा जनसंख्या अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि चीन में एक बच्चों को पालने के मामले में सबसे महंगा देश है यहां एक बच्चे को पालने में दुनिया में सबसे अधिक खर्च होता है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस का नंबर आता है.

चीन की सरकार 2016 में एक बच्चे की नीति को समाप्त कर दिया और बाद में 2021 में तीन बच्चों की अनुमति देने के लिए जन्म से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी. अब चीन जन्म दर को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है.

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 36 वर्षीय हैनसेन और 35 वर्षीय मोमो, बच्चे पैदा करने से परहेज़ कर रहे हैं और इसके बजाय पालतू जानवर पालना पसंद कर रहे हैं. उन्हीं की तरह और भी चीन कपल्स के बीच पालतू जानवरों को पाना एक आम चलन होता जा रहा है.

रिपोर्ट में की गई है ये भविष्यवाणी

गोल्डमैन सैश की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि साल के अंत तक, चीन के शहरी क्षेत्रों में पालतू जानवरों की संख्या चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या से ज़्यादा हो जाएगी. यह बात पालतू जानवरों के भोजन की बढ़ती मांग के बाद सामने आई है. गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि 2030 तक, शहरी चीन के पालतू जानवरों की आबादी देश भर में चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या से लगभग दोगुनी हो जाएगी.

यह अनुमान केवल शहरी क्षेत्रों के लिए है और यदि ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया जाए तो पालतू जानवरों की कुल संख्या और भी अधिक होगी. गोल्डमैन सैश के अनुसार, चीन की युवा आबादी के बीच पालतू जानवर पालने का जबरदस्त क्रेज चलन में आया है. युवा पीढ़ी अब परिवार की वंशावली को जारी रखने के साधन के रूप में शादी और बच्चे पैदा करने को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, चीन में पालतू जानवरों के भोजन की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसकी बिक्री 2017 से 2023 तक सालाना 16% बढ़कर 7 अरब डॉलर तक पहुंच गई.और अगले छह वर्षों में चीन में पेट्स फूड 15 अरब डॉलर का उद्योग बन सकता है.

क्यों बढ़ रहा है पेट्स का ट्रेंड?

20 साल पहले तक चीन में पालतू जानवरों को रखना अमीरों की विलासिता माना जाता था और मिश्रित नस्ल के कुत्तों को मुख्य रूप से रक्षक जानवरों के रूप में महत्व दिया जाता था.चीन की जन्म दर में भी 2022 से 2030 तक सालाना 4.2% की गिरावट आने की उम्मीद है. इसकी वजह 20-35 वर्ष की महिलाओं की घटती आबादी और युवा लोगों में बच्चे पैदा करने में देरी करने या उसे न करने की बढ़ती प्रवृत्ति को माना जा रहा है.

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बढ़ती महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता कई चीनी जोड़ों को बच्चे पैदा करने से रोक रही है. सीएनएन के मुताबिक, "दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था उच्च युवा बेरोज़गारी से लेकर लंबे समय तक चलने वाले संपत्ति संकट तक की चुनौतियों का सामना कर रही है."

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वहीं चीन की सरकार ने अपने नजरिए में बदलाव किया है. लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए जा रे हैं. नसबंदी जैसे प्रतिबंधात्मक जनसंख्या नियंत्रण उपायों की जगह नकद पुरस्कार और पैतृक अवकाश जैसे आकर्षक स्कीम चलाई जा रही हैं. 

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