भारत के पानी रोकने से परेशान PAK को बचाने आया चीन, इस प्रोजेक्ट में ला रहा तेजी

सिंधु जल समझौते के निलंबन से पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो रही है. इससे निपटने के लिए पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट्स में तेजी ला रहा है. चीन ने खुद कहा है कि वो पाकिस्तान के बांध प्रोजेक्ट्स में तेजी ला रहा है.

Advertisement
चीन पाकिस्तान में की डैम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है (Photo- Reuters) चीन पाकिस्तान में की डैम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

भारत ने स्टेट स्पॉन्सर आतंकवाद को देखते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द किया जिसके बाद पाकिस्तान में पानी को लेकर भारी अस्थिरता पैदा हो गई है. इस बीच उसके दोस्त चीन ने कहा है कि वो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बनाए जा रहे एक बांध को जल्द से जल्द पूरा करने जा रहा है. यह बांध स्वात नदी पर मोहमंद हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए बनाया जा रहा है. 

Advertisement

चीन की सरकारी कंपनी चाइना एनर्जी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन 2019 से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मोहमंद हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इस प्रोजेक्ट को अगले साल पूरा किया जाना था लेकिन पानी की कमी को देखते हुए पाकिस्तान आनन-फानन में चीन के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ा रहा है. 

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मोहमंद बांध को बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए किया जाएगा.

शनिवार को चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने बताया कि बांध पर कंक्रीट भरने का काम शुरू हो गया है. सीसीटीवी ने कहा, 'यह पाकिस्तान के प्रमुख नेशनल प्रोजेक्ट्स के लिए बांध का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा जो काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है.'

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था. इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु और उसकी सहायक नदियों झेलम और चेनाब का पानी दिया जाता है. समझौते में भारत को पूर्वी रावी, सतलज और व्यास नदियों के पानी पर अधिकार मिला. झेलम और चेनाब दोनों ही नदियां भारत से होते हुए पाकिस्तान पहुंचती हैं और समझौते के निलंबन से पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो गई है.

Advertisement

सिंधु जल समझौते के रद्द होने से पाकिस्तान परेशान हो गया है और उसने कहा है कि पानी उसका अहम राष्ट्रीय हित है जो उसे 24 करोड़ लोगों की लाइफलाइन है.

इधर, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार को बताया कि भारत पिछले महीने हुए हमले के जवाब में सिंधु नदी से पानी की मात्रा में बढ़ोतरी पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को चेनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर चल रहे बांध प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने का आदेश दिया है.

अगर बाढ़ आई तो और टूट जाएगी पाकिस्तान की कमर

सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद पाकिस्तान आए दिन शिकायत कर रहा था कि भारत की तरफ से अचानक पानी छोड़ने की वजह से उसके यहां बाढ़ आ जा रही है. हालांकि, भारत ने इन आरोपों से इनकार किया है.

अगर अत्यधिक मात्रा में नदियों में पानी छोड़े जाने से पाकिस्तान के प्रांतों में बाढ़ आती है तो उसकी कृषि गंभीर रूप से प्रभावित होगी. 2022 में पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ आया था जिसमें किसानों की सारी फसल बह गई. पाकिस्तानी किसान अभी 2022 के बाढ़ से उबर नहीं पाए हैं और अगर फिर से बाढ़ आती है तो पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो जाएगी.

Advertisement

डेटा शेयरिंग रुकने से पाकिस्तान को बाढ़ की अग्रिम चेतावनी नहीं देगा भारत

समझौते के रद्द होने के साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच डेटा शेयरिंग भी रुक गई है. भारत अब पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी नहीं जारी करेगा. इससे पाकिस्तान के लिए खतरा और बढ़ गया है.

सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में ग्लोबल फूड एंड वाटर सिक्योरिटी प्रोग्राम के सीनियर फेलो डेविड मिशेल का कहना है कि भारत के पास सिंधु और उसकी नदियों के पानी को पाकिस्तान जाने से पूरी तरह रोकने का फिलहाल जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इस वजह से भारत फिलहाल और निकट भविष्य में पाकिस्तान तक नदियों के पानी का पहुंचना नहीं रोक सकता है. 

वो आगे कहते हैं, 'लेकिन भारत पाकिस्तान को सूचना का प्रवाह रोक सकता है. समझौते के तहत दोनों पक्षों को प्रोजेक्ट विकास, नदी के प्रवाह और पानी की स्थितियों पर काफी डेटा साझा करना होता है. संधि को निलंबित करके, भारत डेटा शेयर करना भी बंद कर सकता है, जिससे पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनियां नहीं मिल पाएंगी और पाकिस्तान के लोगों और उनकी आजीविका के लिए खतरा पैदा होगा.'

पाकिस्तान में चीन के बांध प्रोजेक्ट्स

पाकिस्तान ने खतरों को देखते हुए चीन के साथ मिलकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. पाकिस्तान बिजली उत्पादन के लिए सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर निर्भर है. हाइड्रोपावर बिजली के लिए पाकिस्तान का दूसरा सबसे अहम स्रोत है.

Advertisement

चीन पाकिस्तान में अपने CPEC प्रोजेक्ट (China Pakistan Economic Corridor) के तहत कई और बड़े बांध पर काम कर रहा है. खैबर पख्तूनख्वा की ही बात करें तो प्रांत में चीन दो और डैम प्रोजेक्ट्स दासू और डायमर भाषा बांध प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.

CPEC के तहत ही चीन खैबर पख्तूनख्वा में 1.96 अरब डॉलर के सूकी किनारी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement