तीनों बच्चों की आंखों की रोशनी जाने से पहले उन्हें दुनिया दिखाने निकल पड़े मां-बाप, भावुक कर देगी ये कहानी

कनाडा का रहने वाला एक कपल अपने चार बच्चों के साथ दुनिया घूमने के लिए निकला हुआ है. खास बात है कि तीन बच्चों की कुछ समय बाद आंखों की रोशनी चली जाएगी, जिस वजह से माता-पिता उन्हें दुनिया को दिखाने के लिए घर से निकल पड़े हैं. यात्रा आसान नहीं है, लेकिन जिंदगीभर याद रहने वाली जरूर है.

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वर्ल्ड टूर पर मस्ती करता हुआ पूरा परिवार वर्ल्ड टूर पर मस्ती करता हुआ पूरा परिवार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

कई बार जिंदगी उतनी शानदार नहीं होती, जितना इंसान सोचकर जीता हुआ चला जाता है. कुछ परेशानियां दरवाजे पर दस्तक देती हैं तो महसूस होता है, सब कुछ इतना परफेक्ट था नहीं, जितना हम सोच रहे थे. कुछ ऐसा ही कनाडा में रहने वाले एक कपल सेबेस्टीन पैलेटियर और इदिथ लेमे के साथ भी हुआ. लेकिन उन्होंने अपने इस मुश्किल समय में कुछ ऐसा कर दिया जिससे शायद जिंदगी भर उन्हें अफसोस न हो. 

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अब यह कपल अपने चार बच्चों के साथ दुनिया की सैर पर निकला हुआ है, इसकी वजह कपल का खुद घूमना नहीं बल्कि अपने तीन बच्चों की आंखों की रोशनी जाने से पहले उन्हें दुनिया से रूबरू कराना है. दरअसल, इस कनाडाई कपल के बच्चों को ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिसमें उम्र के साथ इंसान को दिखना कम होने लगता है और धीरे-धीरे वो पूरी तरह अंधा हो जाता है. 

बच्चों की बीमारी के बारे में कपल को कब पता चला ? 
सेबेस्टीन और इदिथ की पहली संतान उनकी बेटी मिया सिर्फ 3 साल की थी, जब कपल को महसूस हुआ कि मिया को देखने में परेशानी होती है. कुछ सालों बाद कपल ने मिया को एक आई स्पेशलिस्ट के पास दिखाया. डॉक्टर ने बताया कि उनकी बेटी मिया को रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा ( retinitis pigmentosa) नाम की एक दुर्लभ बीमारी है. इस बीमारी की वजह से मिया ज्यादा समय तक देख नहीं पाएगी. 

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अभी मिया की बीमारी को लेकर ही कपल चिंतिंत था कि इसी बीच उन्हें पता चला कि मिया के दो छोटे भाई 7 साल के कोलिन और 5 साल के लॉरेन में भी उनकी बहन मिया जैसे लक्षण दिख रहे हैं. साल 2019 में जब दोनों बच्चों को चेकअप कराया गया तो दोनों को वही बीमारी निकली जो पहले से ही मिया को थी. हालांकि, कपल के चौथे बेटे लियो को इस बीमारी ने अपनी चपेट में नहीं लिया है.

बच्चों को ऐसी दुर्लभ बीमारी को लेकर मां इदिथ कहती हैं कि अभी तक इस बीमारी का कोई ऐसा इलाज नहीं आया, जो असरदार हो. इदिथ कहती हैं कि हमें ये तो नहीं पता कि बीमारी अपनी चरम पर कब होगी, लेकिन एक अनुमान के अनुसार, हम मानकर चल रहे हैं कि हमारे बच्चों के अधेड़ होते-होते रोशनी पूरी तरह चली जाएगी. 

घर पर मस्ती करते चारों बच्चे

कब बना बच्चों को दुनिया दिखाने का प्लान ?
कपल की बेटी के स्पेशलिस्ट ने आंखों की रोशनी जाने से पहले मिया की विजुअल मेमोरीज को बढ़ाने की सलाह दी. उस समय इदिथ को एहसास हुआ कि ऐसा करने के लिए शानदार रास्ता है, जो ना सिर्फ मिया के लिए बल्कि तीनों बच्चों के लिए अच्छा रहेगा. जिसके बाद कपल ने बच्चों को पूरी दुनिया दिखाने का प्लान बनाया.

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इदिथ इस बारे में कहती हैं कि, मैं अपने बच्चों को किसी किताब में हाथी की तस्वीर नहीं बल्कि असली हाथी को दिखाना पसंद करूंगी. मैं अपने बच्चों की विजुअल मेमोरीज को सबसे शानदार और खूबसूरत तस्वीरों से भरने जा रही हूं.

चारों बच्चों का एक साथ फोटो

काम छोड़कर बच्चों के लिए घूमने निकले
सेबेस्टीन फिनांस फील्ड में काम करते हैं जबकि इदिथ हेल्थकेयर फील्ड से संबंध रखती हैं. बच्चों के पास ज्यादा समय नहीं था, इस वजह से दोनों ने सबकुछ जल्दी-जल्दी प्लान किया. सेबेस्टीन इस बारे में कहते हैं कि घर के अंदर भी अच्छा करने के लिए काफी कुछ होता है लेकिन बाहर घूमने से ज्यादा कुछ अच्छा नहीं है. सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों के लिए ही नहीं बल्कि अलग-अलग कल्चर और लोगों को देखने के लिहाज से भी.

अब जाहिर है कि दुनिया घूमनी थी तो उसके लिए काफी पैसों की जरूरत थी. कपल ने इसके लिए अपनी सेविंग्स और निवेश को जोड़ना शुरू किया. इसी दौरान सेबेस्टीन की फिनांस कंपनी को किसी बड़ी फर्म ने खरीद लिया. इस कंपनी में सेबेस्टीन के शेयर भी थे, ऐसे में काफी पैसा किस्मत से कपल के पास आ गया. इस बारे में इदिथ कहती हैं कि यह जिंदगी से मिला एक तोहफे जैसा है. ये कुछ ऐसा है कि लीजिए आपके ट्रिप के लिए पैसा. 

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दुनिया की सैर पर निकले सभी बच्चे

साल 2022 में वर्ल्ड टूर का 'किक स्टार्ट'
यूं तो कपल ने साल 2020 के जुलाई महीने से ही घूमने के लिए निकल जाने का मन बना लिया था, लेकिन उस समय कोरोना वायरस ने विश्व में हाहाकार मचाया हुआ था, जिस वजह से प्लान को रोकना पड़ा. आखिरकार साल 2022 के मार्च आते-आते चीजें सुधरी और कपल ने अपने बच्चों के साथ दुनिया घूमने के लिए कनाडा के शहर मॉन्ट्रियल से निकल गया. 

जाने से पहले मां इदिथ और पिता सेबेस्टीन समेत सभी बच्चों ने एक बकेट लिस्ट भी बनाई कि यात्रा के दौरान उन्हें क्या-क्या खास करना है. इदिथ के अनुसार, इस दौरान सभी की इच्छाएं अलग थी. मिया घुड़सवारी करना चाहती थी तो लॉरेन को ऊंट पर बैठकर जूस पीना था.

फैमिली ट्रिप की शुरुआत नामीबिया से हुई, जहां बच्चों ने हाथी, जेबरा, जिराफ जैसे जानवरों को पास से देखा. इसके बाद वे तुर्की गए और करीब एक महीना वहां गुजारा. जिसके बाद वे मंगोलिया पहुंची और फिर इंडोनेशिया.

रेगिस्तान में मस्ती

 

बच्चों के पिता सेबेस्टीन का कहना है कि हम घूमते समय सीनरी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. सेबेस्टीन ने बताया कि हमने अफ्रीका, तुर्की और भी कई जगहों पर अविश्वसनीय जानवरों को दखा. हम कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों को ऐसी चीजें दिखा सकें जो घर पर नहीं दिखती हैं, जिससे वो शानदार अनुभव ले सकें. 

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कपल की आशा है कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग कल्चरों को देखने के बाद अपनी भविष्य में आने वाली परेशानी को भूलकर उनके बच्चों को यह पता चले कि वे कितने किस्मत के धनी हैं.  मां इदिथ कहती हैं कि जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो, मैं हमेशा अपने बच्चों को यह दिखाना चाहती हूं कि वे लकी हैं क्योंकि उनके घर में पानी है या वे कलरफुल किताबों के साथ स्कूल पढ़ने जा पा रहे हैं.

आसान भी नहीं है बहुत ज्यादा घूमना 
घूमने से इंसान को काफी कुछ सीखने को मिलता है, मजा आता है, लेकिन कई बार ये काफी मुश्किल भी हो जाती है. कई बार आप असुविधाजनक भी महसूस कर सकते हैं या बुरी तरह थक सकते हैं. 

इदिथ कहती हैं कि ट्रिप पर बच्चों को कुछ हटकर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे वो अपनी जिदंगी के कभी न भूलने वाले अनुभवों को ले पाएं. इदिथ कहती हैं कि हम कभी नहीं जान सकते कि उन्हें क्या चीज ज्यादा आकर्षित कर जाए. कई बार हम सोचते हैं कि वह चीज शानदार है, लेकिन इतने में ही बच्चे सड़क पर गुजर रहे एक पपी को देख लेते हैं, जो उनकी जिंदगी की खास चीज बन जाती है.

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घर वापसी के बारे में अभी ज्यादा नहीं सोच रहे
वर्ल्ड टूर कर रहे इस परिवार का अभी लौटने का मन नहीं है. साल 2023 के मार्च महीने में परिवार अपने घर वापस लौट सकता है. हालांकि, अभी उन्होंने इतना आगे का पूरी तरह नहीं सोचा है. सच तो ये है कि अभी वो जो कर रहे हैं, उसी को जीना चाहते हैं. 

बच्चों के पिता सेबेस्टीन कहते हैं कि इस ट्रिप ने हमारी कई चीजों को लेकर आंखें खोल दी हैं और हम सच में हमारे पास जो है या जो लोग हमारे पास हैं, उनमें ही एंजॉय करना चाहते हैं. अगर घर जाकर डेली रूटीन वाली जिंदगी में भी ऐसा हो गया तो यह एक उपलब्धि होगी.

क्या है ये दुर्लभ बीमारी रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा
यूएस नेशनल आई इंस्टिट्यूट के अनुसार, रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा अगर किसी को होती है तो उसके लक्षण बचपन से ही दिखने शुरू हो जाते हैं. इस बीमारी में अधिकतर लोगों की आंखों की रोशनी चली जाती है. 

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