भारत से हर साल बड़ी तादाद में लोग कनाडा जाते हैं. ये खबर उन लोगों के लिए है, जो आने वाले वक्त में कनाडा में बसने का इरादा रखते हैं या पैसा कमाने या पढ़ने की योजना बना रहे हैं. दरअसल, कनाडा ने अपने बजट में 2026 से 2028 तक के लिए नई आप्रवासन योजना (Immigration Levels Plan) जारी की है. इसमें सरकार ने तय किया है कि आने वाले दो सालों में 33,000 वर्क परमिट धारकों को स्थायी निवास (PR) देने का मौका मिलेगा. यह बदलाव ऐसे समय में आया है, जब कनाडा अस्थायी प्रवासियों यानी वर्क परमिट और स्टडी वीज़ा वालों की संख्या घटाने पर जोर दे रहा है.
भारत पर इसका असर
नए आंकड़े क्या कहते हैं?
| श्रेणी | 2025 लक्ष्य | 2026 लक्ष्य | बदलाव |
| अस्थायी निवासी (कुल) | 6.73 लाख | 3.85 लाख | -43% |
| विदेशी छात्र | 3.05 लाख | 1.55 लाख | -49% |
| वर्क परमिट धारक | 3.67 लाख | 2.30 लाख | -37% |
| स्थायी निवासी | 3.80 लाख | 3.80 लाख | कोई बदलाव नहीं |
सरकार की योजना क्या है?
कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि देश अब उन प्रवासियों पर ध्यान देगा जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें, ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में काम करने को तैयार हों और लंबे समय तक कनाडा में रहना चाहते हों. सरकार का कहना है कि अस्थायी प्रवासियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाने से हाउसिंग, हेल्थकेयर और जॉब सेक्टर पर दबाव बढ़ गया था.
भारतीय युवाओं के लिए क्या संकेत है?
यह कदम कनाडा के “गुणवत्ता-आधारित” प्रवास मॉडल की ओर एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है. कनाडा अब 'कम लेकिन योग्य प्रवासी' नीति की ओर बढ़ रहा है.
हुमरा असद