कनाडाई पुलिस ने पिछले हफ्ते ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं पर खालिस्तान समर्थकों के हमले के मामले में एक 35 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया है. कनाडाई अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
हथियार से हमला करने का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान ब्रैम्पटन के इंद्रजीत गोसल के रूप में हुई है. उस पर हिंदू सभा मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान हथियार से हमला करने का आरोप लगाया गया है. हिंदू मंदिर में प्रदर्शन और हिंसा के मामले में कनाडाई पुलिस पहले ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
पील रीजन पुलिस ने एक बयान में कहा, '8 नवंबर, 2024 को, उसे (गोसल को) गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर हथियार से हमला करने का आरोप लगाया गया है. फिलहाल उसे शर्तों पर रिहा कर दिया गया है. तारीख पर उसे ब्रैम्पटन में ओन्टारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना होगा.'
क्या है पूरा मामला?
कनाडा के ब्रैम्पटन में 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ था. सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कुछ वीडियोज सामने आए थे, जिसमें प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर लिए हुए थे. वीडियो में लोगों के बीच हाथापाई और मंदिर के आस-पास के मैदान में एक-दूसरे पर डंडे से वार करते हुए दिखाया गया.
एजेंसी के मुताबिक, खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों की लोगों के साथ झड़प हुई और उन्होंने मंदिर प्राधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वाणिज्य दूतावास के एक कार्यक्रम में भी बाधा पहुंचाई.
हिंसा की शुरुआत रविवार दोपहर उस समय ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में हुई, जब सिख फॉर जस्टिस नाम के एक समूह के सदस्यों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन किया. पील पुलिस ने कहा कि इसके बाद अधिकारियों को वहां से सुरक्षित निकाल दिया गया.
भारत ने की थी हमले की निंदा
घटना की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की और कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है. ट्रूडो ने समुदाय की रक्षा करने और इस घटना की जांच करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्थानीय अधिकारियों को धन्यवाद दिया.
भारत ने भी हमले की निंदा करते हुए उम्मीद जताई कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता में है.
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