ब्रिटेन के सांसदों ने ‘बिना समझौते’ के ब्रेक्जिट को किया खारिज

ब्रिटेन के सांसदों ने ‘बिना समझौते’ के ब्रेक्जिट को खारिज कर दिया. लेकिन यूरोपीय संघ में पहले से अटके पड़े समझौते को बदलने की ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे की कोशिश का समर्थन किया.

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प्रधानमंत्री टेरेसा मे (फोटो- Reuters) प्रधानमंत्री टेरेसा मे (फोटो- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

ब्रिटेन के सांसदों ने ‘बिना समझौते’ के ब्रेक्जिट को खारिज कर दिया. लेकिन यूरोपीय संघ में पहले से अटके पड़े समझौते को बदलने की ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे की कोशिश का समर्थन किया. कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद कैरोलिन स्पेलमैन और लेबर पार्टी के सांसद जैक ड्रोमे ने ईयू से ब्रिटेन के बिना समझौते के निकलने को रोकने के लिए एक संशोधन पेश किया.

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इस संशोधन को 310 के मुकाबले 318 मतों से समर्थन मिला.इसके बाद सरकार का यह तर्क कमजोर हो गया कि ब्रिटेन बिना समझौते के भी यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का इच्छुक है. हालांकि इस मतदान के नतीजों को मानना प्रधानमंत्री मे के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है. यानी इससे हाउस ऑफ कामन्स के विचार का पता चलता है, लेकिन मार्च 29 की ब्रेक्जिट तिथि में बदलाव से इसका कोई लेना देना नहीं है.

इसके कुछ ही देर बाद सांसदों ने सरकार समर्थित एक संशोधन के समर्थन में मतदान किया. इसमें ब्रेक्जिट के बाद विवादास्पद ‘आयरिश बैकस्टाप’ के ‘‘वैकल्पिक समझौतों’’ की बात की गई है. ‘आयरिश बैकस्टाप’ में ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कड़े नियंत्रण वाली और सुरक्षाबलों की तैनाती वाली सीमा से बचने की बात की गई है.

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सांसद ग्राहम ब्रेडी ने इस संशोधन को पेश किया. इस संशोधन को 301 के मुकाबले 317 मतों से समर्थन मिला. प्रधानमंत्री मे ने वोटिंग के बाद कहा कि हम अब इस जनादेश को आगे लेकर जाएंगे और समझौते में कानूनी रूप से बाध्यकारी ऐसे बदलाव लाने की कोशिश करेंगे जो बैकस्टाप संबंधी चिंताओं को दूर करें और उत्तरी आयरलैंड एवं आयरलैंड के बीच फिर से ‘हार्ड बॉर्डर’ स्थापित नहीं करने की गारंटी दें.

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