'सीजफायर नहीं किया तो फिलिस्तीन को दे देंगे मान्यता...', ब्रिटेन के PM स्टार्मर की इजरायल को चेतावनी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनका देश सितंबर में फिलिस्तीन को मान्यता देगा, जिससे ब्रिटेन पर भी कूटनीतिक दबाव बना. ब्रिटेन ने लंबे समय से दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया है, लेकिन अब तक वह मान्यता को किसी समझौते से जोड़ता रहा है. मौजूदा हालात में यह रुख बदला है.

Advertisement
ब्रिटेन के पीएम कीएर स्टार्मर (File Photo- AFP) ब्रिटेन के पीएम कीएर स्टार्मर (File Photo- AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर ने इजरायल को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर इजरायल ने गाजा में युद्धविराम और शांति की दिशा में ठोस और स्पष्ट कदम नहीं उठाए तो ब्रिटेन सितंबर में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे देगा. यह ऐलान ऐसे समय हुआ है जब गाजा में इजरायली कार्रवाई को लेकर वैश्विक चिंता लगातार बढ़ रही है.

Advertisement

प्रधानमंत्री स्टार्मर ने एक दुर्लभ समर कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्णय लिया, जिसमें उन्होंने मंत्रियों को गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि इजरायली सरकार वेस्ट बैंक में किसी भी प्रकार की नई बस्तियों के निर्माण या अतिक्रमण को रोकने, गाजा में युद्धविराम लागू करने और दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में गंभीर वार्ता शुरू करने जैसे आवश्यक कदम नहीं उठाती है, तो ब्रिटेन फिलिस्तीन को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में स्वीकार करेगा.

इस फैसले से पहले प्रधानमंत्री स्टार्मर ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात भी की, जिसकी पुष्टि एक वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारी ने की है. यह बातचीत तनावपूर्ण बताई जा रही है.

गौरतलब है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनका देश सितंबर में फिलिस्तीन को मान्यता देगा, जिससे ब्रिटेन पर भी कूटनीतिक दबाव बना. ब्रिटेन ने लंबे समय से दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया है, लेकिन अब तक वह मान्यता को किसी समझौते से जोड़ता रहा है. मौजूदा हालात में यह रुख बदला है.

Advertisement

ब्रिटेन के इस कदम को पश्चिम एशिया की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है. यह न केवल इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाएगा, बल्कि गाजा में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ पश्चिमी देशों की रणनीतिक चुप्पी को तोड़ने का संकेत भी है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement