Elon Musk के 'सऊदी कनेक्शन' पर बाइडेन की नजर, जांच के घेरे में टेक्निकल रिलेशन

एलन मस्क की Twitter डील में सऊदी अरब के कारोबारी का निवेश होने के मामले पर बहस छिड़ गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस बारे में पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि एलन मस्क अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं? इस पर बाइडेन ने कहा कि इस मामले पर ध्यान दिया जा सकता है.

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एलन मस्क/जो बाइडेन (File Photo) एलन मस्क/जो बाइडेन (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST

टेस्ला के CEO एलन मस्क (Elon Musk) माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter खरीदने के बाद लगातार चर्चा में बने हुए हैं. चाहे बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी करने वाली घटना हो या ब्लू टिक के लिए मंथली सब्सक्रिप्शन प्लान लाने का फैसला... एलन मस्क के एक्शन की दुनियाभर में चर्चा हो रही है.

अरबपति कारोबारी एलन मस्क के Twitter अधिग्रहण को लेकर अब अमेरिका में नई तरह की बहस छिड़ गई है. डील में सऊदी अरब के कारोबारी का भी इंवेस्टमेंट होने के चलते अमेरिका का मीडिया कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. इस मुद्दे पर कई सवाल राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी किए गए.

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अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि एलन मस्क अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं? और क्या अमेरिका को Twitter अधिग्रहण के लिए विदेशी सरकारों के साथ उनके संबंधों की जांच करनी चाहिए? जबकि इस डील में सऊदी अरब भी शामिल है.

बाइडेन ने इस सवाल के जवाब में कहा कि एलन मस्क का दूसरे देशों के साथ सहयोग और तकनीकी संबंध ध्यान देने योग्य है. हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर कुछ भी कहने से इनकार किया. बाइडेन ने कहा कि उनकी टिप्पणी नहीं इस पर नहीं है कि मस्क कुछ गलत कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं. वे सिर्फ सुझाव दे रहे हैं कि इस पर ध्यान दिया जा सकता है.

रॉयटर्स के मुताबिक ट्विटर खरीदने के लिए मस्क ने ज्यादातर पैसे खुद ही अरेंज किए. लेकिन इस डील में 7.1 बिलियन डॉलर इक्विटी निवेशकों ने भी लगाए हैं, जिसमें अरबपति लैरी एलिसन के साथ-साथ इंवेस्टमेंट कंपनी कतर होल्डिंग के प्रिंस अलवालीद भी शामिल हैं.

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इस तरह पूरी हुई Twitter Deal

> ट्विटर डील की शुरुआत इस साल अप्रैल में हुई थी. 4 अप्रैल को एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके साथ ही वो कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बन गए. मस्क की हिस्सेदारी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें बोर्ड मेंबर में शामिल होने के लिए इनवाइट किया था.

> मस्क ने बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने का ऑफर दिया. शुरुआत में कंपनी ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद शेयरहोल्डर इस डील के लिए तैयार हो गए.

> मई महीने में Twitter ने अपनी फाइलिंग में बताया कि प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या सिर्फ 5 परसेंट है. इस पर ही मस्क और पराग अग्रवाल के बीच विवाद शुरू हुआ. 13 मई को मस्क ने डील को होल्ड कर दिया.

> 16 मई को मस्क और पराग अग्रवाल के बीच बॉट अकाउंट्स को लेकर बहस हुई. इसके बाद 17 मई को मस्क ने डील होल्ड करने की धमकी दी. 8 जुलाई को मस्क डील के पीछे हट गए. 12 जुलाई को ट्विटर ने मस्क पर केस किया.

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> इसके बाद कुछ दिनों तक मस्क और ट्विटर के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. 4 अक्टूबर को मस्क ने यू-टर्न लेते हुए एक बार फिर डील को पूरा करने का ऑफर दिया. 27 अक्टूबर को डील फाइनल कर ली गई.

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