पाकिस्तान की राह पर बांग्लादेश, मंदिरों में तोड़फोड़, 50 से ज्यादा के घरों में लूटपाट

बांग्लादेश में कुछ कट्टरपंथियों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की है और अल्पसंख्यकों के घरों में लूट की वारदात को अंजाम दिया है. लूटपाट के दौरान 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. कई घरों में आगजनी भी की गई है.

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कई घरों में कट्टरपंथियों ने की तोड़फोड़. कई घरों में कट्टरपंथियों ने की तोड़फोड़.

अनिल कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST
  • पाकिस्तान की राह पर चला बांग्लादेश
  • कट्टरपंथियों ने मंदिरों को किया क्षतिग्रस्त
  • मूर्तियों को तोड़ा, कई घरों में लूटपाट

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के उत्पीड़न की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं लेकिन अब बांग्लादेश से भी ऐसी ही खबर सामने आई है. बांग्लादेश के खुलना जिले स्थित गोवरा गांव में हिंदू मंदिरों में कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की और मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया. 

शियाली, मल्लिकपुरा और गोवरा गांव में अचानक सैकड़ों की संख्या में कट्टरपंथी एकजुट हुए और इलाके के सभी 6 मंदिरों में तबाही मचा दी. कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिरों में प्रतिमाओं को नष्ट कर दिया. वहीं 57 से ज्यादा हिंदू परिवारों को निशाना बनाकर हमला किया गया.

हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ की गई. कई घरों में कट्टरपंथियों ने आगजनी की, वहीं कई दुकानों को भी लूट लिया. कट्टरपंथियों के हमले में 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. कट्टरपंथी घरेलू पशुओं को भी लूट ले गए वहीं विरोध करने पर अल्पसंख्यक परिवारों को बेरहमी से पीटा.

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क्यों भड़का विवाद?

हथियारों से लैस सैकड़ों बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र है कि विवाद की शुरुआत 6 अगस्त को हुई, जब शुक्रवार की रात नमाज के वक्त कीर्तन गाने को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. दो समूहों के बीच जारी विवाद, दंगे का रुख अख्तियार कर लेगा, किसी ने सोचा नहीं था. इस घटना की पुष्टि ऑल इंडिया रेडियो न्यूज ने भी अपनी रिपोर्ट में की है.

बांग्लादेशी मीडिया में घटना को लेकर चुप्पी!

इस घटना को लेकर बांग्लादेश हिंदू युनिटी काउंसिल ने कहा है कि हम अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और घरों पर इस तरह के बर्बर हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में स्थानीय पुलिस ने अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है. बांग्लादेश में किसी भी मीडिया ने इस घटना को प्रकाशित नहीं किया है. 

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30 से ज्यादा  लोग हुए घायल

मारपीट में 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका इलाज सदर हॉस्पिटल में चल रहा है. बांग्लादेश के कई न्यूज वेबसाइट्स ने भी घटना को प्राथमिकता से लिखा है. यह वारदात 7 अगस्त की शाम करीब 5 बजे की है. बांग्लादेश की वेबसाइट समकाल की रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला 7 अगस्त की शाम करीब 5 बजकर 45 मिनट पर किया गया.

विहिप ने अंतराष्ट्रीय संगठनों को लिखी चिट्ठी

मामले ने जब तूल पकड़ा तो दिल्ली में भी हलचल हुई. विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना पर संज्ञान लिया है. विहिप के ज्वॉइंट जनरल सेक्रेटरी स्वामी विज्ञानानंद ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचेलेट को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक गांव और मंदिरों में हुए तोड़फोड़, लूटपाट की कड़ी निंदा की. उन्होंने तत्काल घटना पर एक्शन लेने की अपील की है, जिससे बांग्लादेश की सरकार दोषियों गिरफ्तार करके सख्त सजा दे और पीड़ितों को न्याय मिले.

अल्पसंख्यकों में डर का माहौल

बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने भी घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. परिषद ने एक पत्र जारी कर शियाली गांव में हिंदू समुदाय के घरों, पूजा स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटना की निंदा की है. घटना के बाद से ही बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाओं में डर का माहौल है. 
 

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प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात 

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर घटना को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की है. लोगों का कहना है कि बांग्लादेश सरकार और वहां की पुलिस, मंदिर में तोड़ तोड़फोड़ और लूटपाट करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे और कानूनी एक्शन ले. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गांवो में भारी संख्या में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. मामले की जांच चल रही है.
 

 

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