'चाहे राजनीतिक हो या कुछ और... बर्दाश्त नहीं करेंगे', टॉर्चर की नई पॉलिसी लेकर आए मुनीर, निशाने पर नेता!

पाकिस्तानी सेना और वहां के सियासतदानों के बीच टकराव जारी है. मौलाना फजलुर रहमान ने पहले पाकिस्तान सेना की अफगानिस्तान पॉलिसी पर सवाल उठाए. तो अब पाकिस्तानी सेना उन्हीं की आवाज को कुचलने पर आमदा है. पाक आर्मी ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने वाले किसी भी गलत इरादे, चाहे वह राजनीतिक हो या कुछ और, को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,

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आसिम मुनीर ने विरोधी खेमे के नेताओं को चेतावनी दी है. (Photo: ITG) आसिम मुनीर ने विरोधी खेमे के नेताओं को चेतावनी दी है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST

पाकिस्तान की सेना देश की राजनीतिक और लोकतांत्रिक गतिविधियों में साफ दखल दे रही है. पाकिस्तान की सेना ने नेताओं को धमकाते हुए कहा है कि वे अपनी गतिविधियों में उन बयानों और कार्यों को शामिल न करें जिससे कथित रूप से पाकिस्तान की एकता और स्थिरता कमजोर होती है. चाहे ये राजनीतिक गतिविधियां ही क्यों न हो?

पाकिस्तान की सेना की ओर से ये बयान 273वें कॉर्प्स कमांडर कॉन्फ्रेंस की मीटिंग के दौरान आया है. इस मीटिंग की अध्यक्षता रावलपिंडी में आर्मी चीफ आसिम मुनीर कर रहे थे. 

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पाकिस्तान सेना का ये बयान तब आया है जब देश के दो प्रमुख सियासतदानों मौलाना फजलुर रहमान और इमरान खान ने सेना की नीतियों पर लगातार सवाल उठाया है. 21 दिसंबर को मौलाना फजलुर रहमान ने कराची के ल्यारी में कहा गया था कि अगर पाकिस्तान काबुल पर अपने हमले को जायज ठहराता है तो भारत ने मुरीदके और बहावलपुर पर हमला कर क्या गलत किया है. 

वहीं पूर्व पीएम इमरान खान भी सेना पर लगातार हमले कर रहे हैं. 

रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग के बारे में सेना ने कहा कि बैठक में मौजूदा अंदरूनी और बाहरी सुरक्षा माहौल की पूरी समीक्षा की गई, जिसमें उभरते खतरों और ऑपरेशनल तैयारियों पर खास जोर दिया गया.

पाकिस्तान की सेना ने इस मीटिंग को लेकर कहा, "भाग लेने वालों ने तय किया कि राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने वाले किसी भी गलत इरादे, चाहे वह राजनीतिक हो या कुछ और, को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और न ही किसी को सशस्त्र बलों और पाकिस्तान के लोगों के बीच फूट डालने की इजाजत दी जाएगी."

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लेकिन पाकिस्तान की सेना ने मौलाना फजलुर रहमान के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. 

इस महीने की शुरुआत में सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर-जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर मीडिया के जरिए सशस्त्र बलों के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश रचने का आरोप लगाया था. अहमद शरीफ चौधरी ने इमरान खान को एक "आत्ममुग्ध" और "मानसिक रूप से बीमार" व्यक्ति बताया था.

चौधरी ने खान को चेतावनी दी थी कि ऐसे काम अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. 

पाकिस्तान की सेना ने यहां एक बार फिर से भारत को बीच में लाने की कोशिश की. अपनी कमी को छिपाते हुए पाकिस्तान की सेना ने कहा कि "भारतीय समर्थकों की देखरेख में सभी आतंकवादियों, साथ ही उनके मददगारों और उकसाने वालों से सख्ती से और बिना किसी अपवाद के निपटा जाएगा."

COAS और CDF आसिम मुनीर ने कमांडरों को ऑपरेशनल तैयारी, अनुशासन, ट्रेनिंग, फिजिकल फिटनेस, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और युद्ध के मैदान में ढलने की क्षमता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने का निर्देश दिया.

हाल के दिनों में इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच खूब टकराव हुआ है. इमरान खान ने आसिम मुनीर को "मानसिक रूप से अस्थिर" और "नैतिक रूप से गिरा हुआ" बताया है. इमरान खान ने कहा है कि आसिम मुनीर और उनकी नीतियों से संविधान और कानून का राज खत्म हो गया है, आतंकवाद बढ़ा, अफगान शरणार्थियों को अपमानजनक तरीके से निकाला गया और ड्रोन हमले किए गए जो देशहित में नहीं हैं. 

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पाकिस्तानी सेना की अफगानिस्तान पॉलिसी पर मौलाना फजलुर रहमान ने भी सवाल उठाया है.  
 

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