....खिड़कियां बंद पड़ी हैं, घर पर लगा पेंट उखड़ रहा है और घर के बगीचे में बेतरतीब ढंग से लंबी-लंबी घास उग आई है. जापान की राजधानी टोक्यो के दक्षिण में योकोहामा के पॉश नेगीशी जिले में यह एक मंजिला घर कहां तो मरम्मत कराया जाना चाहिए था लेकिन इसे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया गया है. कभी बेहद खूबसूरत रहा यह घर पिछले एक दशक से अधिक समय से निर्जन पड़ा है.
जापान के गृह मंत्रालय की तरफ से बीते मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह इमारत, जो कभी एक बुजुर्ग महिला का घर थी, पूरे जापान में 90 लाख से अधिक खाली घरों में से एक है. यह आंकड़ा जापान के सभी आवासीय संपत्तियों का 13.8 प्रतिशत है जो कि बहुत ज्यादा है.
ये घर जिन्हें जापानी भाषा में अकिया (Akiya) कहा जाता है, वो घर हैं जिनमें रहने वाले बुजुर्ग या तो मर गए हैं या फिर वो रिटायरमेंट होम्स में रहने चले गए हैं. इन बुजुर्गों के परिवारवाले छोड़ी गई संपत्ति नहीं चाहते क्योंकि घर को गिराने की कीमत बहुत ज्यादा है.
कई मामलों में, उत्तराधिकारियों का पता भी नहीं लगाया जा सकता है- या इस बात पर विवाद होता है कि अगर वो मिल भी जाएं तो संपत्ति का बंटवारा कैसे किया जाए. इस तरह से घर निर्जन ही पड़े रहते हैं.
जापान में संपत्ति का बंटवारा एक मुश्किल प्रक्रिया
प्रोपर्टी डेवलपर Pacifica Capital के फाउंडर सेठ सुल्किन कहते हैं कि जापान में घरों को खाली छोड़ देने के पीछे की सबसे बड़ी वजह जनसंख्या का तेजी से कम होना है. टोक्यो के बाहर खासकर टोहोकू, होक्काइडो जैसी जगहों पर जनसंख्या तेजी से कम हो रही है और लोग अपने घरों को छोड़ रहे हैं.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात कहते हुए वो कहते हैं, 'इसके साथ ही, जापान की उत्तराधिकार और संपत्ति हासिल करने के कानून ऐसे हैं कि छोड़ी गई संपत्तियों का दोबारा इस्तेमाल कर पाना बहुत मुश्किल है.'
जापान में अगर किसी घर के मालिक की मौत हो जाए तो उसकी पत्नी को घर में आधा हिस्सा मिलता है. बाकी की संपत्ति बच्चों में बांटी जाती है. लेकिन अगर एक भी उत्तराधिकारी अपने हिस्से के घर को बेचने से इनकार करता है तो कानून के मुताबिक, घर वैसे ही पड़ा रहेगा.
जापान के बडे शहरों में भी बढ़ने लगी अकिया की संख्या
जापान में सबसे पहले गांवों में जनसंख्या में भारी गिरावट देखी गई थी जिससे वहां काफी संख्या में अकिया (निर्जन घर) होते थे लेकिन अब छोटे और बड़े दोनों तरह के शहरों में अकिया की संख्या तेजी से बढ़ रही है. निर्जन घरों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए पिछले साल दिसंबर में स्थानीय अधिकारियों को यह ताकत दी थी निर्जन पड़े घरों के जो मालिक उसकी देखभाल नहीं कर रहे, उन्हें टैक्स में छूट न दें.
इसके पीछे मकसद है कि मालिकों को अपने घरों को रिपेयर कराने और उनका इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. मालिक चाहे तो अपने खाली पड़े घर और उसकी जमीन को बिल्डर्स को बेच सकते हैं जो इनका सही इस्तेमाल कर सकें.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जापान की सरकार को उत्तराधिकार नियमों और निर्जन पड़ी संपत्ति की खरीद को आसान बनाने की जरूरत है.
सुल्किन का कहना है कि अकिया के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार को ऐसे कानून पारित करने चाहिए जो स्थानीय अधिकारियों को छोड़े गए घरों का स्वामित्व लेने और उन्हें डेवलपर्स को बेचने का अधिकार देते हैं.
वो कहते हैं, 'जरूरत है कि सरकारें एक ऐसा तंत्र बनाएं जो इन इमारतों पर नियंत्रण लेने और फिर उन्हें नीलाम करने में सक्षम बनाए. अगर कुछ नहीं किया गया, तो समस्या और भी बदतर हो जाएगी क्योंकि जापान की जनसंख्या में गिरावट जारी रहेगी और खाली घरों की संख्या भी और बढ़ने वाली है.'
डेवलपर्स को घर बेचकर फायदा कमा रहे उत्तराधिकारी
खाली पड़े घरों के कई उत्तराधिकारी उसे बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. उनका कहना है कि जिस घर को वो बेकार समझते थे, उन्हें डेवलपर्स अच्छी कीमत देकर खरीद रहे हैं जो उनके लिए फायदे का सौदा है.
टोक्यो के उत्तर में रहने वाली टोमोको ऊनो कहती हैं, 'सात साल पहले जब मेरी मां का देहांत हुआ तब हमने इस बारे में बिल्कुल नहीं सोचा कि उनके घर को बिल्डर को बेच दें या उसे किराए पर लगा दें. मेरी मां लंबे समय से वहां रह रही थीं और घर की हालत खराब थी. अगर हम घर को तोड़कर दोबारा उसे बनाते तो काफी खर्च आने वाला था. इसलिए हमने सोचा कि बेहतर यही होगा, हम घर की जमीन बेच दें.'
वो कहती हैं कि मां का घर बेचने से उन्हें बहुत फायदा हुआ है. बिल्डर ने घर की जमीन पर दो घर बनाए हैं और टोमोको को घर की अच्छी कीमत मिली है.
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