भारत के हथियारों का आयात (arms imports) पिछले एक दशक में 33 प्रतिशत कम हुआ है, जबकि चीन ने पिछले पांच सालों में दुनियाभर के 5.2 प्रतिशत हथियारों का निर्यात किया है. चीन से हथियार खरीदने में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया सबसे आगे रहे हैं. पाकिस्तान ने सबसे अधिक हथियार चीन से ही ख़रीदे हैं. ये बात कही है हथियारों से जुड़ी है प्रतिष्ठित रिपोर्ट सिपरी ने. सिपरी यानी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute).
भारत के हथियारों के आयात में आई कमी के पीछे के कारण के बारे में बताते हुए रिपोर्ट ने कहा है कि भारत के हथियारों के आयात के गिरने के पीछे मुख्य कारण यहां की खरीददारी प्रक्रिया का जटिल होना है. इसके अलावा इसका रूस पर अत्यधिक निर्भर होना भी है. रिपोर्ट ने कहा है कि भारत आने वाले समय में बड़े स्तर पर अलग-अलग हथियार सप्लायर्स से हथियार खरीदने की प्लानिंग कर रहा है.
रिपोर्ट ने बताया है कि साल 2011–15 से लेकर साल 2016–20 के बीच भारत के हथियार आयात में आई कमी से रूस सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. लेकिन अमेरिका से हथियार खरीदने का ग्राफ भी 46 प्रतिशत तक गिरा है. दूसरी तरफ बांग्लादेश और पाकिस्तान चीन में बने हथियार लगातार खरीद रहे हैं.
चीन से होने वाले हथियारों के निर्यात में भी पिछले दशक में 7.8 फ़ीसदी कमी आई है. साल 2016–20 के बीच चीन दुनिया का पांचवां हथियार निर्यातक देश बना रहा है. पिछले पांच सालों में पूरी दुनिया में हुए हथियारों के निर्यात में चीन द्वारा 5.2 हथियारों का निर्यात किया गया है. जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया चीनी हथियारों के सबसे बड़े खरीददार रहे.
भारत सरकार ने अपने ही घरेलू बाजार से हथियारों को दोगुना खरीदने की नई नीति बनाई है ताकि बाहरी देशों से हथियार खरीदने के लिए निर्भरता कम हो. इसके अलावा सरकार ने साल 2025 तक 35 हजार करोड़ रूपए के हथियार बेचने का टारगेट सेट किया है.
अभिषेक भल्ला