मंगल ग्रह पर जीवन ढूंढ़ने गए क्यूरियोसिटी के कैमरे में कैद हुई रहस्यमयी रोशनी

ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिशें एक नई रोशनी मिलने से एक बार फिर चमक उठी हैं. मंगल पर तैनात नासा के रोवर क्यूरियोसिटी में लगे दो कैमरों ने मंगल की सतह से उठती रहस्यमयी रोशनी की तस्वीरें ली हैं. हालांकि नासा ने अभी तक इन तस्वीरों के बारे में कुछ कहा नहीं है. लेकिन कई सारी अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.

Advertisement

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2014,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिशें, एक नई रोशनी मिलने से एक बार फिर चमक उठी हैं. मंगल पर तैनात नासा के रोवर क्यूरियोसिटी में लगे दो कैमरों ने मंगल की सतह से उठती रहस्यमयी रोशनी की तस्वीरें ली हैं. हालांकि नासा ने अभी तक इन तस्वीरों के बारे में कुछ कहा नहीं है. लेकिन कई सारी अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.

Advertisement

'यूएफओ साइटिंग्स डेली' नाम से वेबसाइट चलाने वाले स्कॉट सी वेरिंग ने 6 अप्रैल को ये तस्वीरें पोस्ट की थी. इन तस्वीरों में रोशनी सतह से ऊपर की ओर उठती हुई दिख रही है, जो नीचे से फैली हुई है. वेरिंग का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि वहां इंटेलिजेंट लाइफ मौजूद है जो हमारी तरह ही लाइट का इस्तेमाल करती है. वेरिंग ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, 'यह सूर्य की रोशनी नहीं है, ना ही तस्वीर खींचने की कोई कारीगरी'

इस बीच क्यूरियोसिटी रोवर अपने लक्ष्य स्थान 'द किम्बरले' पहुंच गया है. क्यूरियोसिटी यहां चट्टानों के नमूनों की जांच करेगा ताकि मंगल ग्रह के बरसों पुराने वातावरण के बारे में जानकारी जुटाई जा सके. इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि लाल ग्रह पर कभी जीवन था या नहीं?

Advertisement

मंगल ग्रह पर द किम्बरले, वह जगह है जहां चार तरह की चट्टानें एक दूसरे से मिलती है. इसका नामकरण पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के एक क्षेत्र के नाम पर किया गया है.

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इन पसादेना की मेलिसा राइस ने एक बयान में कहा कि हमारा पूरा प्रयास किंबरले पहुंचने का था, चट्टानों की जांच से महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है.

राइस, किंबरले क्षेत्र की चट्टानों की जांच, सैंपल ड्रिलिंग और लैबोरेटरी विश्लेषण की हफ्तों चलने वाली योजनाओं की जिम्मेदारी संभालती हैं. गौरतलब है कि क्यूरियोसिटी अगस्त 2012 में मंगल ग्रह के क्रेटर में उतरा था. इसके बाद किंबरले पहुंचने के लिए उसे 3.8 मील की दूरी तय करनी पड़ी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement