अफगानिस्तान की त्रासदी के पीछे ISI का हाथ? तालिबानियों को मिल रहा है पाकिस्तान से समर्थन

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि अफगानिस्तान अपने भयावह दौर से गुजर रहा है. हजारों लोग मारे जा चुके हैं. अफगानिस्तान और तालिबान का संघर्ष अब नियंत्रण से बाहर हो रहा है. वहीं पाकिस्तान के एक पूर्व सिनेटर का दावा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तालिबानियों के साथ है, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ती जा रही है.

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तालिबान के आतंक की वजह से तबाह हो रहा है अफगानिस्तान (फोटो-AP) तालिबान के आतंक की वजह से तबाह हो रहा है अफगानिस्तान (फोटो-AP)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST
  • पाकिस्तान दे रहा तालिबानियों का साथ
  • बढ़ती जा रही है अफगानिस्तान में अशांति
  • ISI से मिल रही है तालिबान को मदद

अफगानिस्तान सरकार, तालिबानी आतंकियों के आगे घुटने टेकती नजर आ रही है. पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर अफरासियाब खट्टक ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का हाथ है, जिसका समर्थन तालिबानियों को मिला हुआ है.

अफरासियाब ने कहा कि आईएसआई तालिबानियों की मदद, अफगानिस्तान को अस्थिर करने में कर रहा है. महज कुछ दिनों के भीतर ही तालिबानी आतंकी काबुल पर भी कब्जा कर लेंगे. महिलाओं और लड़कियों का भविष्य अब अफगानिस्तान में अंधकारमय दिख रहा है. महिलाओं को खींचते हुए ले जाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

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तालिबानियों ने सलमा डैम पर भी कब्जा जमा लिया है. साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ मिलकर इस डैम का उद्घाटन किया था. जब इस पर अफरासियाब से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है. सभी प्रोजेक्ट खतरे में चले जाएंगे, अगर तालिबान का राज यहां कायम होता है. अंतराष्ट्रीय समुदाय किसी भी तरह का एक्शन नहीं ले रहा है.

अफगानिस्तान में जिस डैम का PM मोदी ने किया था उद्घाटन, तालिबान ने उसे भी कब्जाया! 

अस्थिरता के दौर में लौट गया है अफगानिस्तान

अफरासियाब ने कहा कि दोहा में हुई बैठक का भी कोई नतीजा नहीं है. अमेरिका चीन को दूर रखने के लिए तालिबान की सुन रहा है. यही वजह है कि जिसका मूल्य अफगानिस्तानियों को चुकाना पड़ रहा है. अमेरिकी फौजों के हटते ही अफगानिस्तान एक बार फिर अस्थिरता के दौर में वापस चला गया है.

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अफगानिस्तान में बेकाबू हो रहे हैं हालात

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि अफगानिस्तान अपने भयावह दौर से गुजर रहा है. हजारों लोग मारे जा चुके हैं.  अफगानिस्तान और तालिबान का संघर्ष अब नियंत्रण से बाहर हो रहा है. बीते महीने में हेलमंद, कंधार और हेरात प्रांतों में नागरिकों के खिलाफ हुए अंधाधुंध हमलें मे 1,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. शहरी क्षेत्रों में अफगानिस्तान और तालिबान की लड़ाई में सिर्फ तबाही के मंजर बन रहे हैं. 

महिलाओं की दयनीय होती स्थिति चिंताजनक

सिर्फ इन्हीं जगहों पर 2,41,000 लोग अपने घरों को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए हैं. हर पर त्रासदी बढ़ रही है. अस्पताल घायलों से खचाखच भर गए हैं. खाद्य और चिकित्सा आपूर्ति कम हो रही है. सड़कें, पुल, स्कूल, क्लीनिक और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तबाह किया जा रहा है. हर दिन, संघर्ष महिलाओं और बच्चों पर और भी अधिक गंभीर होता जा रहा है.

काबुल पर भी कब्जे की तैयारी में अफगानिस्तान

तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 18 पर कब्जा कर लिया है. तालिबानी अब काबुल को अपने कब्जे में लेने वाले हैं. कुछ वक्त का संघर्ष बचा है. वहीं अफगान सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वे मजबूती से खड़े हैं और उन्हें अपने सुरक्षा बलों पर पूरा भरोसा है. तालिबान अब पूरे देश के लगभग 65 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण रख रहा है.

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तालिबान के भरोसे पर यकीन करना मुश्किल

अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़त के बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल सहीन ने कहा कि हमारी ओर से अफगानिस्तान में मौजूद दुतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास और राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे. तालिबान ने कहा है कि उन्होंने अपने बयान में ये बात कई बार कही है. ये हमारी प्रतिबद्धता है. 

दक्षिणी अफगानिस्तान के 4 शहरों पर तालिबानियों का कब्जा

दक्षिणी अफगानिस्तान के भी 4 शहरों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. चार प्रांतीय राजधानियां अब तालिबान के कब्जे में हैं. अफगानिस्तान के काबुल में भी संघर्ष जारी है. अमेरिकी सैनिकों के पलायन करते ही अफगानिस्तान सरकार तालिबानियों के सामने हारती नजर आ रही है. पिछले 24 घंटों में, देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर, पश्चिम में हेरात और दक्षिण में कंधार, पर आतंकियों का कब्जा है.  हेलमंद में अमेरिकी, ब्रिटिश और नाटो सेनाएं हैं, वहां भी भीषण युद्ध हो रहा है.
 

संयुक्त राष्ट्र ने की अफगानिस्तानियों से शांति की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को तालिबान से आग्रह किया कि वह पूरे अफगानिस्तान में अपने हमलों को तुरंत रोके और लंबे समय तक चलने वाले गृहयुद्ध को टालने के लिए  शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करें. एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि तालिबान अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध लगा रहा है. महिलाओं और पत्रकारों पर नियंत्रण रख रहा है, जो बेहद खतरनाक और भयावह है.
 

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