अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब वहां सबसे बड़ी चुनौती आम आदमियों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की है. तालिबानियों द्वारा लगातार भरोसा दिलाया जा रहा है कि किसी भी नागरिक को डरने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन इन दावों से इतर जमीनी तस्वीर काफी अलग है. सिर्फ तालिबानी लड़ाके ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कुछ आतंकी संगठन भी इस वक्त अफगानिस्तान में हैं.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, लश्कर ए झांगवी समेत अन्य कुछ संगठनों द्वारा अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी गई है.
काबुल और आसपास के कुछ इलाकों में इन संगठनों ने अपने चेकपोस्ट तैयार कर लिए हैं, इनके साथ तालिबान के लोग भी मिले हुए हैं. जो स्थानीय लोगों पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं.
आतंकी गतिविधि बढ़ने का था डर...
बता दें कि ये डर पहले से ही जताया जा रहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक बार फिर इस इलाके में आतंकी संगठनों का बोलबाला शुरू होगा. वो चाहे अलकायदा हो या फिर दूसरे आतंकी संगठन.
लेकिन अब पाकिस्तानी आतंकी संगठन भी इस और अपने मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. बता दें कि पाकिस्तानी सरकार तो पहले ही तालिबान का अपना समर्थन जता चुकी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान में लंबी लड़ाई के बाद आज़ादी मिली है.
हालांकि, इससे इतर तालिबान लगातार दावा कर रहा है कि उनके यहां लोगों को सुरक्षा दी जाएगी. अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल किसी पर भी हमले के लिए नहीं किया जाएगा, ऐसे में दुनिया के देशों को हम अपनी ओर से पूरा विश्वास दिलाते हैं.
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