अफगानिस्तान (Afghanistan) में 20 साल बाद फिर से तालिबान (Taliban) का राज शुरू हो गया है. वहां जल्द ही तालिबान की सरकार (Taliban Government) बन जाएगी. इस बीच तालिबान ने कामकाजी महिलाओं को घर पर ही रहने की सलाह दी है. तालिबान का कहना है कि सुरक्षा कारणों के चलते महिलाओं को घर पर ही रहना चाहिए.
तालिबान के प्रवक्त जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा कि जब तक महिलाओं की सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक उन्हें घर पर ही रहना चाहिए. उन्होंने इसे 'अस्थायी' प्रक्रिया बताया है.
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को काबुल (Kabul) में मीडिया से बात करते हुए कहा, सरकारी दफ्तरों में काम करने वालीं महिलाएं काम पर कैसे लौटें, इसको लेकर तालिबान काम कर रहा है, लेकिन तब तक के लिए महिलाओं को 'सुरक्षा कारणों' के चलते घर पर ही रहना चाहिए.
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तालिबान की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वो अपने राज में इस बार महिलाओं को काम करने से नहीं रोकेगा और न ही लड़कियों को पढ़ाई करने से रोका जाएगा. तालिबान का कहना है कि शरिया कानून (Sharia Law) के तहत महिलाओं को आजादी मिलेगी. लेकिन इसके बावजूद वहां की महिलाओं में डर है. संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार (UNHRC) की प्रमुख मिशेल बाखलेट का कहना है कि 'तालिबान का महिलाओं और लड़कियों के साथ बर्ताव खतरे की एक मूलभूत लाल लकीर है.'
1996 से 2001 में जब तालिबान का शासन था, तब महिलाओं को काम करने की इजाजत नहीं थी. इतना ही नहीं, अगर कोई महिला घर से निकलना चाहती थी तो उसे अपना चेहरा और शरीर ढकना होता था और वो किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ ही बाहर निकल सकती थीं.
हालांकि, इस बार तालिबान का कहना है कि वो महिलाओं को भी काम करने की इजाजत देगा. लेकिन, जिस तरह से तालिबान अपने विरोधियों की तलाशी के लिए घर-घर जाकर तलाशी अभियान चला रहा है, सुरक्षा अधिकारियों से बदला ले रहा है और महिलाओं को नौकरी से निकाल रहा है, उससे लोग डर गए हैं. तालिबान का कहना है कि वो इन कथित बर्ताव की जांच करवा रहा है.
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