अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्ताकी आएंगे भारत, UNSC ने यात्रा प्रतिबंध में छूट दी

अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी अगले हफ्ते भारत का दौरा करेंगे. UNSC की तालिबान प्रतिबंध समिति ने उनकी यात्रा पर लगी रोक में छूट दी है. मुत्ताकी को 2001 में प्रतिबंध सूची में डाला गया था, लेकिन अब 9 से 16 अक्टूबर 2025 तक भारत आने की अनुमति मिली है.

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मुत्ताकी को 9 से 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा के लिए छूट मिली है (File Photo: AP) मुत्ताकी को 9 से 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा के लिए छूट मिली है (File Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी अगले हफ्ते भारत का दौरा करेंगे. यह इस वजह से संभव हुआ है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तालिबान प्रतिबंध समिति ने उनकी यात्रा प्रतिबंध में छूट मंजूर कर दी है.

मुत्ताकी को 25 जनवरी 2001 को UN सुरक्षा परिषद ने सूचीबद्ध किया था और उन पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियारों पर रोक लगी थी. अब समिति ने 30 सितंबर 2025 को उनकी 9 से 16 अक्टूबर 2025 तक भारत यात्रा के लिए छूट प्रदान की है. 

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एजेंसी के मुताबिक अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद ये काबुल से भारत की पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा होगी. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मुत्ताकी को तालिबान का एक प्रमुख सदस्य माना जाता है. उन्होंने तालिबान शासन के दौरान संयुक्त राष्ट्र-नेतृत्व वाली वार्ताओं में भी प्रतिनिधित्व किया है. 

तालिबान प्रतिबंध समिति में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य शामिल हैं और निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाता है. वर्तमान में समिति की अध्यक्षता पाकिस्तान कर रहा है, जबकि 2025 के लिए दो उपाध्यक्ष गयाना और रूस हैं.

इस साल मई में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुत्ताकी से बातचीत की थी. उन्होंने मुत्ताकी की पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की सराहना की और अफगानिस्तान और भारत के बीच गलत सूचनाओं से पैदा की जा रही अविश्वास की कड़ी निंदा की. बातचीत में दोनों देशों की परंपरागत मित्रता और विकास सहयोग पर भी चर्चा हुई थी.

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पहले मुत्ताकी का भारत दौरा पिछले महीने रद्द हो गया था, क्योंकि उस समय उन्हें यात्रा के लिए छूट नहीं मिल पाई थी. बता दें कि भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है और लगातार काबुल में एक व्यापक और समावेशी सरकार बनाने की बात कह रहा है. साथ ही भारत की मांग है कि अफगानिस्तान की ज़मीन का किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न हो.

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