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विश्व

प्रागैतिहासिक अवशेषों से 50,000 साल पुराने वायरस निकालने जा रहे रूसी वैज्ञानिक!

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 18 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST
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रूस के वैज्ञानिक प्रागैतिहासिक काल के जानवरों के बायोलॉजिकल मैटेरियल से 50 हजार साल पुराने वायरस निकालने जा रहे हैं. असल में बीते कुछ साल में रूसी वैज्ञानिकों को बर्फ में दबे हुए कई अवशेष मिले थे. अब वैज्ञानिक इन्हीं अवशेषों में मौजूद वायरस की स्टडी करने जा रहे हैं. (फोटो साभार- The Ammosov North-Eastern Federal University)
 

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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी साइंटिस्ट प्रागैतिहासिक काल के कुत्ते, घोड़े, चूहे और अन्य जानवरों के अवशेषों की स्टडी शुरू करने जा रहे हैं. सबसे पुराने जानवर के अवशेष की उम्र 50 हजार साल बताई जा रही है. (फोटो साभार- The Ammosov North-Eastern Federal University)
 

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रूस के वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम यह स्टडी करेगी. बता दें कि रूस के उत्तर पूर्व में स्थित शहर यकुत्स्क की फेडरल यूनिवर्सिटी के म्यूजियम में कई जानवरों के अवशेष संरक्षित किए गए हैं. यकुत्स्क को दुनिया का सबसे ठंडा शहर भी कहा जाता है. 

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वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी की वैज्ञानिक डॉ. ओलेस्या ओखलोपकोवा ने बताया कि हम Palaeo Viruses (ऐसे वायरस जो पहले पाए जाते थे, लेकिन अब मौजूद नहीं हैं) की खोज करने जा रहे हैं जिससे रूस में वायरस के ऊपर एक खास स्टडी शुरू हो सके. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इन जीवों से मिले वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग भी करेंगे. (प्रतीकात्मक फोटो)

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वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्टडी का मकसद वायरस के इवोल्यूशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण एडवांस्ड रिसर्च करना है. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स ऐसी स्टडी पर सवाल उठाते रहे हैं क्योंकि प्राचीन काल का कोई वायरस, इंसानों के लिए खतरा भी बन सकता है. (प्रतीकात्मक फोटो)

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