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विश्व

गुब्बारे और कंडोम से हमास ने इजरायल की नाक में किया दम!

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST
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इजरायल ने गाजापट्टी में हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं. नेफ्टाली बेनेट के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार इजरायल ने हवाई हमले किए हैं. बुधवार तड़के गाजा शहर धमाकों से गूंज उठा. इजरायली सेना ने बताया कि उसके लड़ाकू विमानों ने खान यूनुस और गाजा शहर में हमास के परिसरों को निशाना बनाया. आईडीएफ का दावा है कि इन परिसरों में आतंकवादी गतिविधि चल रही थी. गाजा पट्टी से जारी आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए आईडीएफ युद्ध शुरू करने समेत सभी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार है. 

(फोटो-Getty Images)

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फिलहाल, यह साफ नहीं हो पाया है कि इजरायली हमलों से जान-माल का नुकसान हुआ है या नहीं. हालांकि, हमास ने बयान जारी कर कहा है कि इजरायल के ताजा हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है. इजरायली सुरक्षा बल (आईडीएफ) का कहना है कि यह कार्रवाई गाजा पट्टी से आग लगाने वाले गुब्बारे, बलून बम भेजने के बाद की गई है. यहूदी राष्ट्रवादियों के फ्लैग मार्च निकाले जाने से पहले से ही फिलिस्तीनी बलून बम से इजरायल को निशाना बना रहे हैं. ये बलून बम पार्टियों में इस्तेमाल होने वाले हीलियम भरे गुब्बारों या कंडोम से तैयार किए जाते हैं.

(फोटो-Getty Images)
 

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असल में, मंगलवार को गाजा पट्टी के पास दक्षिणी इजरायल में कई जगहों पर आग लग गई. इससे निपटने के लिए दमकल गाड़ियों को तैनात करना पड़ा. गाजा पट्टी से चरमपंथी गुटों के सदस्यों ने गुब्बारों के जरिये आग लगाने की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए.

(फोटो-Getty Images)
 

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ऐसा नहीं है कि इजरायल को आग लगाने वाले बलून (Incendiary balloons) से पहली बार निशाना बनाया जा रहा है. हमास इजरायल को परेशान करने के लिए बच्चों के खेलने वाले गुब्बारों का इस्तेमाल करता रहा है.

(फोटो-Getty Images)

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पिछले तीन सालों यानी 2018 से गाजा पट्टी में हमास और अन्य चरमपंथी गुटों से जुड़े फिलिस्तीनी हवा में हजारों की संख्या में बलून उड़ाकर इजरायल को छका रहे हैं. इन गुब्बारों में आग लगाने वाले केमिकल्स और विस्फोटक लगे होते हैं. फिलिस्तीनी इसके जरिये इजरायल के खेतों, बाग-बगीचों और निजी संपत्ति को निशाना बना रहे हैं.    

(फोटो-AP)

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इसे आग लगाने वाला गुब्बारा या गुब्बारा बम भी कहते हैं. इन गुब्बारों को हवा से हल्की गैस मसलन गर्म हवा, हाइड्रोजन या हीलियम से फुलाया जाता है. इन गुब्बारों में बम, आग लगाने वाला उपकरण या मोलोटोव कॉकटेल लगे होते हैं. हवा के रुख को देखते हुए गुब्बारे को छोड़ा जाता है. ये गुब्बारे जहां गिरते हैं, वहां विस्फोट होने से आग लग जाती है.

(फोटो-Getty Images)

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कब शुरू हुआ ऐसे गुब्बारों का इस्तेमाल?

फ्रांस के जोसेफ-मिशेल मोंटगॉल्फियर ने 1792 में टौलॉन में ब्रिटिश सेना और जहाजों पर बम गिराने के लिए गुब्बारों के इस्तेमाल का पहली बार प्रस्ताव रखा था. डेनमार्क ने 1807 में एक ऐसा औजार बनाया जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश जहाजों पर बमबारी के लिए किया गया. बीच- बीच में बम चलाने के लिए बलून के इस्तेमाल को लेकर कई प्रयोग हुए और विभिन्न देशों में इसके प्रस्ताव रखे गए. हालांकि, ऐसे प्रस्ताव रिजेक्ट होते रहे. लेकिन 1849 में ऑस्ट्रिया ने पहली बार बलून बम का इस्तेमाल किया. 

(फोटो-Getty Images)

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युद्ध में गुब्बारों का पहला आक्रामक प्रयोग 1849 में हुआ था. वेनिस को घेरने वाली ऑस्ट्रियाई शाही सेना ने 200 गुब्बारों के जरिये वेनिस शहर के ऊपर टाइम फ्यूज के साथ गुब्बारे से बम गिराये थे.


(फोटो-Getty Images)
 

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इसी तरह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश ऑपरेशन आउटवर्ड ने 99,142 गुब्बारों के जरिये जर्मनी पर हमले किए थे. इनमें 53,543 बलून आग लगाने वाले थे जबकि अन्य 45,599 गुब्बारों को इस्तेमाल जर्मनी में हाई वोल्टेज लाइनों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था. 

(फोटो-विकिपीडिया)

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1944-1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ही जापान ने उत्तरी अमेरिका में लगभग 9,300 फ़ू-गो बैलून बम दागे थे. उस समय ऐसे गुब्बारों को बैरोमीटर के सेंसर के जरिये इस्तेमाल किया जाता था. अमेरिका ने भी जापान के फू गो बलून बम की तर्ज पर  E77 बलून बम तैयार किए थे जिसका इस्तेमाल शीत युद्ध के दौरान किया गया.  

(जापान का फ़ू-गो बैलून बम, फोटो-विकिपीडिया)
 

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अब इसी तकनीक का इस्तेमाल फिलिस्तीनी इजरायल के छकाने में कर रहे हैं. 2018 की शुरुआत से गाजा सीमा से फिलिस्तीनी आग लगाने वाले पतंगों को जरिये इजरायल को निशाना बना रहे हैं. मई 2018 की शुरुआत में गाजा में हीलियम से भरे आग लगाने वाले गुब्बारों का इस्तेमाल पतंगों के साथ किया गया. 

(फोटो-विकिपीडिया)
 

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ये बलून बम एक साथ बंधे होते हैं. इसमें ज्वलंनशील पदार्थ, आग लगाने वाले उपकरण या विस्फोटक लगे होते हैं. भूमध्य सागर से बहने वाली हवा फिलिस्तीनियों को गुब्बारों के जरिये गाजा से इज़रायल को निशाना बनाने में मदद करती है. 


(फोटो-Getty Images)

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