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117वें जन्मदिन से पहले दी कोरोना को मात, ये हैं यूरोप की सबसे उम्रदराज महिला

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST
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कोरोना वायरस ने भले ही पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी, लेकिन कुछ ऐसे मामले भी सामने आए जहां उम्रदराज लोगों ने कोरोना को मात दी थी. इसी कड़ी में यूरोप की सबसे उम्रदराज महिला सिस्टर आंद्रे ने भी कोरोना को मात दी है. वे आज अपना 117वां जन्मदिन मना रही हैं. (All photos: getty)

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न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1904 में फ्रांस में जन्मीं आंद्रे पिछले माह टूलॉन स्थित केयर होम में संक्रमित हुई थीं. हालांकि उन्हें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. आंद्रे देख नहीं सकतीं लेकिन वे व्हीलचेयर के सहारे अपने काम करती हैं. आंद्रे का कहना है कि उन्हें मौत से डर नहीं लगता है.

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अपने जन्मदिन से पहले ही वो कोरोना को मात दे चुकी हैं लेकिन उनकी एक ही शिकायत है कि उन्हें एकांत में क्यों रखा जा रहा है. हालांकि, ऐसा उनके भले के लिए ही किया जा रहा है. नर्सिंग होम के प्रवक्ता ने बताया कि सिस्टर आंद्रे ने कोरोना को लेकर भी कोई डर नहीं दिखाया है. कोरोना को देखते हुए उनके जन्मदिन में बहुत कम लोग शामिल हुए हैं.

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सिस्टर आंद्रे व्हीलचेयर पर हैं. उन्होंने एक ट्यूटर के रूप में भी काम किया है. सन 1940 में वह कॉन्वेंट में शामिल हो गईं. वह 1979 तक नर्सिंग होम्स में अपनी सेवाएं देती रहीं और टूलॉन होम में वह 2009 से रह रही हैं.

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आश्चर्य की बात ये है कि जिस टूलॉन में वह रह रही हैं वहीं 88 लोग रहते हैं, जिनमें से 81 लोग वायरस की चपेट में आए. इनमें से 10 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई. वे टूलॉन स्थित सैंटे-कैथरीन लेबोरा में संक्रमित पाई गई थीं.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिस्टर आंद्रे का जन्म 11 फरवरी 1904 में हुआ था और वह दुनिया की दूसरी सबसे अधिक उम्र की जीवित व्यक्ति हैं. दुनिया की सबसे अधिक उम्र की जीवित व्यक्ति जापान की केन तनाका हैं, जो 2 जनवरी को 118 साल की हुई हैं.

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