पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ है. इससे डेढ़ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. जबकि छह हजार ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इसी बीच पूरी दुनिया उस चीन की तारीफ कर रही है जिसके वुहान शहर से पूरी दुनिया में यह खतरनाक वायरस फैला है.
यह इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि कोरोना फैलने को लेकर अमेरिका और चीन में तनातनी देखने को मिली थी.
दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण का विश्व के कई देशों में तेजी से विस्तार हो
रहा है. चीन में तबाही मचाने के बाद वायरस का प्रभाव अपेक्षाकृत वहां कम हो
गया है. इसी बीच चीन ने विश्व के साथ महामारी रोकथाम अनुभव साझा किया है,
जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रशंसा की है.
आईएनएस की एक
रिपोर्ट के मुताबिक 13 मार्च को चीन-मध्य व पूर्वी यूरोप महामारी नियंत्रण
विशेषज्ञ वीडियो सभा का आयोजन हुआ था. इसमें चीनी विशेषज्ञों ने 17 मध्य व
पूर्वी यूरोपीय देशों को महामारी की रोकथाम संबंधी अनुभवों का परिचय दिया.
इसके
बाद कई देशों ने चीन की प्रशंसा की है. सर्बिया सरकार के सहायक सचिव
डैनियल निकोलिक ने कहा कि चीन के अनुभव साझा करने से हमें यह पता है कि
यह भूमंडलीकरण का दूसरा स्वरूप है.
कई देशों में सहायता करने पहुंचा चीनी दल:
इतना ही नहीं चीनी चिकित्सा दल ने 13 मार्च को इटली
में जाकर स्थानीय चिकित्सकों के साथ महामारी की रोकथाम के बारे में अनुभवों
का साझा किया है. इटली के विदेश मंत्री ल्यूगी दी माएयो ने चीनी
विशेषज्ञों ने इटैलियन रोगियों की जान बचाने के लिए सहायता सामग्री भी
पहुंचाई है.
उधर, चीनी रेडक्रोस सोसाइटी के एक वालंटियर दल ने ईरान
में पहुंचकर स्थानीय चिकित्सा विभागों के साथ महामारी नियंत्रण के संदर्भ
में सहयोग किया है. ईरान ने चीनी विशेषज्ञों के अनुभव से होम सेपरेशन,
पर्यटन प्रतिबंध और ह्लवगार्कार कक्ष अस्पतालह्व का निर्माण करने आदि उपाय
अपनाए.
रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी चिकित्सा मंत्रालय के प्रवक्ता किन्यौस जहानपुर ने कहा कि चीनी विशेषज्ञ दल के आने और उनके अनुभव हमारे लिए मूल्यवान हैं, हमें चीन का अनुभव सीखने की आवश्यकता है.
सौ से अधिक देशों के साथ जानकारी साझा की:
रिपोर्ट में बताया गया है
कि अभी तक चीन ने विश्व के सौ से अधिक देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय व
क्षेत्रीय संगठनों के साथ महामारी की रोकथाम और निदान व उपचार कार्यक्रमों
को साझा किया है.
कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी ने कहा कि
चीन ने दुनिया के साथ महामारी की रोकथाम में अपने अनुभव को साझा किया है
जिससे यह प्रदर्शित होता है कि चीन बड़ी शक्ति है और उसने इस वारस से निपटने में अपनी विशेषज्ञता साझा की है.
क्यूबा
के जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रधान गेराडरे
गुइलेन ने कहा कि चीन ने अपने अनुभव को सक्रिय रूप से साझा कर दुनिया के
लिए एक मिसाल कायम की है.
कोरोना को लेकर भिड़ गए थे चीन-अमेरिका:
पूरी दुनिया भले ही चीन की प्रशंसा कर रही हो लेकिन अमेरिका चीन से कोरोना पर भिड़ गया था. हालत यहां तक हो गई थी कि कोरोना वायरस को 'चीनी वायरस' कहे जाने और इसके लिए वुहान को कसूरवार ठहराने को लेकर चीन नाराज भी हो गया था.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कोरोना वायरस को कई बार 'वुहान
वायरस' कहा था. हालांकि बीजिंग और दुनिया भर के अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों
ने कोविड-19 के लिए इस तरह के नाम इस्तेमाल करने से बचने के लिए कहा था.