Darjeeling: आत्महत्या कर रहे शख्स को बचाने झील में कूदा युवक, अपनी जान देकर अजनबी को मौत से बचाया

दार्जिलिंग के मीरिक झील में 22 वर्षीय साहिल राय ने आत्महत्या कर रहे एक अजनबी को बचाने के लिए अपनी जान दे दी. लक्ष्मी पूजा की रात हुई इस घटना ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया. साहिल का शव मंगलवार सुबह बरामद हुआ. ग्रामीणों ने उसे 'मीरिक का हीरो' बताते हुए इंसानियत की मिसाल कहा.

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गांव के लोगों ने कहा उस पर गर्व है.(Photo: AI-generated) गांव के लोगों ने कहा उस पर गर्व है.(Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • दार्जिलिंग,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

दार्जिलिंग के मीरिक में लक्ष्मी पूजा की रात इंसानियत की एक अद्भुत मिसाल देखने को मिली, जब 22 वर्षीय साहिल राय ने एक अजनबी की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. सोमवार रात यह दर्दनाक घटना मीरिक झील पर घटी, जहां साहिल ने मौत को गले लगाते हुए किसी और की जिंदगी बचा ली.

जानकारी के मुताबिक, साहिल राय थुर्बो एल.डी. बहादुर गांव का निवासी था. वह झील के किनारे मौजूद था जब उसने देखा कि मीरिक बाजार का रहने वाला सदीप दार्जी झील में कूदकर आत्महत्या का प्रयास कर रहा है. साहिल बिना एक पल गंवाए पानी में कूद गया और सदीप को बाहर निकाल लिया, लेकिन खुद तेज बहाव में डूब गया.

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स्थानीय लोगों और पुलिस ने तुरंत राहत अभियान शुरू किया, मगर रात होने के कारण खोज बंद करनी पड़ी. मंगलवार सुबह मीरिक एसडीओ, एसडीपीओ, पुलिस, फायर विभाग, बीपीएचसी टीम, स्थानीय लोग और नाव चालक एक बार फिर झील पर जुटे. करीब सुबह 8 बजे साहिल का शव बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए सिलिगुड़ी के एनबीएमसीएच भेजा गया.

घटना के बाद पूरे मीरिक में शोक की लहर दौड़ गई. सदीप दार्जी, जिसे साहिल ने बचाया था वह मीरिक बीपीएचसी में भर्ती है. उसने स्वीकार किया कि शराब के नशे और पारिवारिक झगड़ों के कारण उसने आत्महत्या का प्रयास किया था. गांव के पंचायत प्रधान समीर राय ने बताया, साहिल बहुत नेकदिल और मददगार युवक था. उसने किसी को नहीं छोड़ा जो मदद मांगे. दुख की बात है कि उसने जिस अजनबी को बचाया, उसी की वजह से अपनी जान गंवा दी. पूरा गांव उस पर गर्व कर रहा है.

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बता दें कि साहिल तीन भाइयों में सबसे छोटा था. उसकी निस्वार्थ बहादुरी ने पूरे समुदाय को भावुक कर दिया है. लोग उसे 'मीरिक का सच्चा हीरो' कहकर याद कर रहे हैं. लक्ष्मी पूजा की रात, जब दीप जल रहे थे, उसी रात साहिल की कुर्बानी ने इंसानियत की लौ हमेशा के लिए जला दी.

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रिपोर्ट- कायेश अंसारी.

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