शिक्षक भर्ती घोटाला: दुर्गा पूजा से पहले पार्थ चटर्जी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट से सख्त शर्तों के साथ मिली जमानत

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. करीब तीन साल से जेल में बंद चटर्जी को कोर्ट ने जमानत दे दी है, हालांकि इसके साथ कई सख्त शर्तें भी लगाई गई हैं. दुर्गा पूजा से ठीक पहले आया ये फैसला पार्थ चटर्जी के लिए राहत की सांस जैसा है, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद भी उनकी राह आसान नहीं होने वाली.

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शर्तों के साथ पार्थ चटर्जी को जमानत (Photo: Representational) शर्तों के साथ पार्थ चटर्जी को जमानत (Photo: Representational)

राजेश साहा

  • कोलकाता,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में जमानत दे दी है. हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जमानत पर रिहाई के बाद उन्हें कई शर्तों का पालन करना होगा. पार्थ चटर्जी को अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा और वे ट्रायल कोर्ट की सीमा से बाहर नहीं जा सकेंगे.

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इसके अलावा सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और न ही गवाहों को डराया-धमकाया जा सकता है. चटर्जी को अपना एक्टिव मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देना होगा और जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करना होगा. साथ ही उन्हें किसी भी आपराधिक गतिविधि से दूर रहना होगा और वे किसी भी सरकारी संस्था से नहीं जुड़ पाएंगे. दुर्गा पूजा से पहले हाईकोर्ट का ये आदेश पार्थ चटर्जी के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जिससे उनकी जेल से रिहाई का रास्ता खुल गया है.

क्या है पूरा मामला

पश्चिम बंगाल का कैश-फॉर-स्कूल जॉब घोटाला राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक माना जाता है. आरोप है कि स्कूलों में नौकरियों के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत ली गई थी. इसी मामले में 2022 में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वे जेल में बंद हैं. इस केस की जांच सीबीआई कर रही है, जबकि इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है.

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इससे पहले दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के केस में चटर्जी को जमानत दी थी, लेकिन उनकी रिहाई फरवरी 2025 से लागू करने का आदेश दिया गया था. वहीं, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के केस में भी उन्हें जमानत दी, लेकिन साफ कहा कि रिहाई तीन महीने बाद होगी, जब तक चार्ज फ्रेम और गवाहों की गवाही पूरी नहीं हो जाती. अब हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद पार्थ चटर्जी के जेल से बाहर आने की उम्मीद और मजबूत हो गई है.

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