तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. टीएमसी ने यह शिकायत उनके उस बयान के लिए दर्ज कराई है, जिसमें मालवीय ने पश्चिम बंगाल की तुलना बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी से की थी.
अमित मालवीय ने शुक्रवार को दावा किया कि बांग्लादेश में मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और सांस्कृतिक केंद्रों पर हाल ही में हुए हमले 'इस्लामी दबाव' के तहत किए गए थे, और पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को चेतावनी जारी करते हुए आरोप लगाया कि 'कट्टरपंथियों का तुष्टीकरण' समाज को अस्थिरता की ओर धकेल सकता है.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल एक 'खतरनाक रास्ते' पर है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने मालवीय की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए उन पर पश्चिम बंगाल का अपमान करने और भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की.
अमित मालविया ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'कल रात, इस्लामी भीड़ ने ढाका में बंगाली कला और संस्कृति के एक ऐतिहासिक संस्थान और आधारशिला, छायानाट भवन में तोड़फोड़ की. बांग्लादेश में जो पैटर्न सामने आ रहा है, वह स्पष्ट है: इस्लामी दबाव और धमकियों के तहत मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और सांस्कृतिक केंद्रों पर हमले किए जा रहे हैं. यह एक चेतावनी है. जब कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जाता है और अराजकता को सामान्य मान लिया जाता है तो समाज इसी तरह बिखरने लगता है.'
भाजपा नेता ने आगे कहा, 'अगर ममता बनर्जी की जर्जर सरकार 2026 के बाद भी जारी रहती है, तो बंगाल के लिए इसके परिणाम अपरिवर्तनीय होंगे. संस्कृति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र वहां जीवित नहीं रह सकते जहां भीड़ का शासन हो और सरकार आंखें मूंद कर बैठी हो.' पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 की शुरुआत में होने वाले हैं. टीएमसी ने मालवीय के बयान को भड़काऊ बताते हुए उनकी कड़ी आलोचना की.
टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'अमित मालविया की यह पोस्ट खतरनाक है. वह बांग्लादेश की स्थिति की तुलना पश्चिम बंगाल से कर रहे हैं. यह न केवल हमारे राज्य का अपमान है, बल्कि स्पष्ट उकसावा भी है. पुलिस को इस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए और तत्काल उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.' बांग्लादेश की स्थिति को गंभीर बताते हुए कुणाल घोष ने कहा कि टीएमसी इस मामले पर टिप्पणी करने से परहेज कर रही है क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय मामला है.
उन्होंने कहा, 'हमारा नेतृत्व घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. राष्ट्रीय हित में, हम भारत सरकार द्वारा लिए गए रुख का समर्थन करते हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, भारतीयों और मीडियाकर्मियों को उचित सुरक्षा मिलनी चाहिए. कुछ अमानवीय खबरें और वीडियो फैल रहे हैं, और यह पता लगाना मुश्किल है कि सच क्या है.' इससे पहले दिन में, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सामिक भट्टाचार्य ने भी बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रमों पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि इन घटनाओं के पीछे कट्टरपंथी हैं.
हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा
शेख हसीना सरकार के खिलाफ 'जुलाई क्रांति' के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई है. हादी को 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा गोली मार दी गई थी. छह दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हादी का निधन हो गया. बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में 19 और 20 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन, आगजनी और तोड़फोड़ देखने को मिली.
उग्र प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास, 32 धानमंडी की पहले से ही ध्वस्त इमारत में तोड़फोड़ करते देखा गया. गुरुवार रात को देश के विभिन्न हिस्सों में हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिनमें चटोग्राम स्थित भारत के सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पत्थरबाजी भी शामिल है. ये घटनाएं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा राष्ट्र को संबोधित करते हुए टेलीविजन पर 'इंकलाब मंच' के नेता हादी की हत्या की पुष्टि करने के बाद हुईं.
इंद्रजीत कुंडू