UP: मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जिद करने लगा सरकारी अस्पताल का वार्ड बॉय, बर्खास्त

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें एक शख्स डॉक्टर की पोशाक में दिखाई दे रहा है. इस शख्स की तीमारदारों के साथ नोकझोंक और बहस हो रही है. अब इसे बर्खास्त कर दिया गया है.

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लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में वार्ड बॉय के साथ बहस. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में वार्ड बॉय के साथ बहस.

सत्यम मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 20 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया  है, जिसमें एक वार्ड बॉय सरकारी अस्पताल में आए मरीज के परिजनों पर यह दबाव डाल रहा था कि वह मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करा दें. वार्ड बॉय का वीडियो सामने आने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है.

मामला लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर का है. यहां का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा था. वीडियो में एक शख्स डॉक्टर की पोशाक में दिखाई दे रहा है. इस शख्स की तीमारदारों के साथ नोकझोंक और बहस हो रही है.

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जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो में भी जिस व्यक्ति ने सफेद पोशाक पहनी है. वह केजीएमयू ट्रामा सेंटर का वार्ड बॉय बताया जा रहा है. 7 सेकंड के वायरल वीडियो पर केजीएमयू मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया है कि वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इस पर तत्काल कार्रवाई की गई. जिसमें केजीएमयू में संविदा के तौर पर वार्ड बॉय के रूप में तैनात रमीज नामक व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया.

प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर ने बताया कि वायरल वीडियो में रमीज सफेद कोट पहनकर दिखाई पड़ रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि संविदा कर्मी रमीज ने तीमारदार को मरीज को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जोर जबरदस्ती की. इसके बाद बहस होने लगी और फिर मारपीट हो गई.

वार्ड बाय रमीज को टर्मिनेट कर दिया गया है. वार्ड बाय रमीज पर तीमारदारों द्वारा आरोप लगाया कि प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने जिद करने के पीछे का कारण वार्ड बाय रमीज को कमीशन मिलता. इसी कारण से वह रोगी को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के लिए अड़ा था.

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दरअसल, वीडियो वायरल होने के बाद सूबे के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए केजीएमयू ट्रामा सेंटर के अधीक्षक को डॉक्टर की वेशभूषा में दिख रहे वार्ड बॉय पर जांच करने के के साथ-साथ कार्यवाही के निर्देश दिए थे और 2 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद तत्काल संविदा कर्मी वार्डबॉय को बर्खास्त कर दिया गया.

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