दिल्ली ब्लास्टः सहारनपुर के डॉक्टर ने गिरफ्तारी को अफवाह बताया, जांच में सहयोग की बात कही

डॉ. बाबर ने बताया कि आदिल कभी लैपटॉप इस्तेमाल नहीं करता था और अस्पताल के समय में बहुत कम फोन पर बात करता था. वह बोले, 'मैं दो-तीन बार उसके घर और नर्सिंग होम गया, लेकिन उसके काम या जीवनशैली में कभी कोई ऐसा संकेत नहीं मिला जिससे लगे कि वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकता है.'

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सोमवार को लाल किला के पास बड़ा धमाका हुआ था. Photo PTI सोमवार को लाल किला के पास बड़ा धमाका हुआ था. Photo PTI

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

यूपी के सहारनपुर के फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल के डॉक्टर बाबर ने बुधवार को उन अफ़वाहों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उन्हें उनके सहकर्मी डॉ. आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद हिरासत में लिया गया है. डॉ. आदिल पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंध होने का आरोप है.

पीटीआई के मुताबिक, डॉ. बाबर ने कहा, 'मैं पूरी तरह अस्पताल में मौजूद हूं और किसी से भी मिलने के लिए उपलब्ध हूं. मैं जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा हूं, लेकिन लोगों को झूठी अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए.'

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उन्होंने साफ किया कि वे पिछले तीन वर्षों से अस्पताल में काम कर रहे हैं, जबकि डॉ. आदिल मार्च में यहां आए थे. उन्होंने कहा, 'मैं उनसे पहली बार तभी मिला जब वे अस्पताल में काम करने आए. इससे पहले मैं उन्हें नहीं जानता था. उनका व्यवहार हमेशा शालीन और पेशेवर रहा, और न ही मरीजों या स्टाफ से कभी कोई शिकायत मिली.'

'दुखद है कि शिक्षित लोग ऐसी हरकतों में शामिल हो रहे हैं'

डॉ. बाबर ने आदिल की कथित आतंकी संलिप्तता पर दुख जताते हुए कहा, 'यह दुखद है कि इतने शिक्षित लोग भी ऐसे शर्मनाक कृत्यों में शामिल हो रहे हैं.' अपने सहकर्मी की शादी में शामिल होने को लेकर डॉ. बाबर ने कहा, 'हम चार लोग अस्पताल से उनकी शादी में गए थे. हम वहां एक साथी डॉक्टर की शादी में शामिल होने गए थे, किसी आतंकी की नहीं.' उन्होंने बताया कि आदिल ने अपनी शादी की खरीदारी सहारनपुर से ही की थी. कई बार वे सामान अस्पताल भी लेकर आए थे. उन्होंने बताया, 'हम शादी से दो दिन पहले कश्मीर घूमने गए थे. बारात वाले दिन हम जुलूस में शामिल नहीं हुए क्योंकि केवल चार लोगों को अनुमति थी, इसलिए हम सैर-सपाटे के लिए चले गए.'

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डॉ. बाबर ने कहा कि शादी का माहौल बिल्कुल सामान्य और पारंपरिक मुस्लिम समारोह जैसा था. उन्होंने यह भी बताया कि आदिल की पत्नी भी एमडी डॉक्टर हैं.

डॉ बाबर ने बताया कि आदिल से उकी आखिरी मुलाकात उसकी गिरफ्तारी वाले दिन हुई थी. उन्होंने यह भी कहा, 'आदिल अपने पेशे में बेहद कुशल था. उसकी बीमारी की पहचान और इलाज उत्कृष्ट था, और मरीज हमेशा संतुष्ट होकर लौटते थे.'

उन्होंने कहा, 'उसने मुझे बताया था कि उसकी मां बीमार हैं और वह कुछ दिनों के लिए घर जा सकता है.' डॉ. बाबर ने बताया कि आदिल कभी लैपटॉप इस्तेमाल नहीं करता था और अस्पताल के समय में बहुत कम फोन पर बात करता था. उन्होंने कहा, 'मैं दो-तीन बार उसके घर और नर्सिंग होम गया, लेकिन उसके काम या जीवनशैली में कभी कोई ऐसा संकेत नहीं मिला जिससे लगे कि वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकता है.'

उन्होंने पुष्टि की कि यूपी एसटीएफ और अन्य जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है. उन्होंने कहा, 'मैं किसी भी एजेंसी के साथ सहयोग करने को तैयार हूं.'

पुलिस ने 7 नवंबर को डॉ आदिल को किया था अरेस्ट

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग निवासी डॉ. आदिल अहमद को 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान समूह (SOG) की मदद से गिरफ्तार किया था. जांचकर्ताओं ने पाया कि 11 नवंबर तक वह सहारनपुर में फेमस हॉस्पिटल में पिछले छह महीने से कार्यरत था. इससे पहले वह शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में काम कर चुका था.

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आदिल अंबाला रोड स्थित बापू विहार कॉलोनी में किराए के मकान में रहता था. स्थानीय लोगों ने बताया कि वह शांत स्वभाव का किरायेदार था, हालांकि उसके यहां रात में कई लोग आते-जाते थे और बाहर कई गाड़ियां खड़ी दिखती थीं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 28 अक्टूबर को श्रीनगर में एक मामला दर्ज किया था, जब जैश-ए-मोहम्मद समर्थक पोस्टर कई इलाकों में दिखाई दिए थे. सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर आदिल को वे पोस्टर लगाते हुए दिखाया गया, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने उसका पता सहारनपुर में लगाया. उसे फेमस हॉस्पिटल से हिरासत में लिया गया और ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर पुलिस को सौंप दिया गया. गिरफ्तारी के बाद अस्पताल ने उसकी सेवा समाप्त कर दी और उसका नेमप्लेट हटा दिया. अस्पताल प्रबंधक डॉ. मनोज मिश्रा ने कहा, 'आदिल हमेशा विनम्र और पेशेवर दिखाई देता था. उसके व्यवहार से कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं झलकी.'

दिल्ली धमाके में हुई 12 लोगों की मौत

10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला के पास एक भीषण विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए. यह घटना उन दिनों हुई जब हरियाणा के फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े कथित 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' का भंडाफोड़ किया गया था.

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