उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत सभी नगर निगमों में गृहकर (Property Tax) व्यवस्था को पूरी तरह बदलने की तैयारी है।. पुराने सिस्टम की जगह अब 'प्रॉपर्टी टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम' (PTMS) लागू किया जाएगा. इसके तहत हर मकान पर एक विशेष चिप लगी नंबर प्लेट होगी और 16 अंकों की यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे टैक्स चोरी रोकना आसान होगा.
चिप वाली नंबर प्लेट और 16 अंकों की ID
नए सिस्टम के लागू होते ही हर मकान, दुकान और दफ्तर की पहचान बदल जाएगी. अब हर संपत्ति को 16 अंकों की एक यूनिक आईडी दी जाएगी. सबसे खास बात यह है कि सभी भवनों पर चिप युक्त नई नंबर प्लेट लगाई जाएगी. इस चिप में प्रॉपर्टी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी फीड होगी. जैसे ही सिस्टम में डेटा डाला जाएगा, उस मकान का पूरा टैक्स रिकॉर्ड अधिकारियों के सामने एक क्लिक पर आ जाएगा.
गूगल मैप पर दिखेगा आपका घर, बढ़ेगी पारदर्शिता
अब शासन और नगर निगम प्रशासन गृहकर की मांग, वसूली और बकाये की रियल टाइम जानकारी हासिल कर सकेंगे. इस नई व्यवस्था में संपत्तियों को गूगल मैप पर अपलोड किया जाएगा. इससे न केवल प्रशासन निगरानी रख पाएगा, बल्कि टैक्स दाता भी अपनी दुकान या घर की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे. वर्तमान में चल रहा एनआईसी का सॉफ्टवेयर बंद कर दिया जाएगा और सारा पुराना डेटा पीटीएमएस पोर्टल पर शिफ्ट होगा.
पारदर्शिता और बेहतर टैक्स वसूली का लक्ष्य
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि इस डिजिटल व्यवस्था से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. कमांड कंट्रोल सिस्टम से जुड़ने के कारण सारा डेटा रियल टाइम उपलब्ध होगा. इससे उन लोगों को पकड़ना आसान हो जाएगा जो अब तक हाउस टैक्स के दायरे से बाहर थे या टैक्स जमा नहीं कर रहे थे. इस तकनीक के माध्यम से कर वसूली को मजबूत करने और बेहतर प्रशासनिक निगरानी का लक्ष्य रखा गया है.
आशीष श्रीवास्तव