रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को 2,000 से 40,000 रुपये में फर्जी आधार कार्ड, गिरोह का भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश ATS ने आधार कार्ड फर्जीवाड़ा करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले इस गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. जांच में सामने आया कि गिरोह नौ राज्यों में सक्रिय था और 2,000 से 40,000 रुपये तक में फर्जी कार्ड बनाता था. इनके पास से फिंगरप्रिंट स्कैनर, आईरिस टूल्स, फर्जी दस्तावेज और पहले से तैयार आधार कार्ड मिले हैं.

Advertisement
नकली दस्तावेज बनाने वाले 8 लोग गिरफ्तार (Photo: AI-generated) नकली दस्तावेज बनाने वाले 8 लोग गिरफ्तार (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने आधार कार्ड फर्जीवाड़े का एक बड़ा गिरोह पकड़ा है, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों सहित विदेशी नागरिकों के लिए नकली आधार कार्ड बनाता था. शुक्रवार को एडीजी (कानून-व्यवस्था, एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया कि इस कार्रवाई में गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं.

9 राज्यों में सक्रिय था गिरोह
 

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एडीजी ने बताया कि यह गिरोह कम से कम नौ राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तराखंड में सक्रिय था. गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फिंगरप्रिंट स्कैनर, आईरिस स्कैन टूल्स, डमी यूजर प्रोफाइल, फर्जी स्टांप और पहले से तैयार नकली आधार कार्ड बरामद किए गए.

Advertisement

जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य पहले जन सेवा केंद्रों (Jan Seva Kendra) में अस्थायी नौकरियां करके आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया सीखते थे. बाद में वो अधिकृत यूजर आईडी और पासवर्ड, साथ ही फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जैसी जानकारियां चोरी कर लेते थे. इनकी मदद से अलग-अलग राज्यों में फर्जी आधार कार्ड बनाए जाते थे.

ऐसे तैयार करते थे फर्जी दस्तावेज

मध्यस्थों के जरिए यह गिरोह उन लोगों तक पहुंचता था जिनके पास भारतीय दस्तावेज नहीं थे या जिन्हें जन्मतिथि और अन्य आधिकारिक रिकॉर्ड बदलवाने थे. ऐसे लोगों के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और हलफनामे तैयार किए जाते थे ताकि आधार कार्ड जारी या संशोधित कराया जा सके.

खास बात यह है कि 2023 के बाद 18 साल से अधिक उम्र वालों के लिए सीधे आधार कार्ड जारी करने पर पाबंदी के बाद गिरोह ने नया तरीका निकाला. वो फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर लोगों को नाबालिग (18 वर्ष से कम) दिखाते थे, ताकि उनके लिए आधार कार्ड बन सके.

Advertisement

40 हजार तक लेते थे रकम

गिरोह हर फर्जी आधार कार्ड के लिए 2,000 से 40,000 रुपये तक वसूलता था. इन नकली आधार कार्डों का इस्तेमाल आगे पासपोर्ट, अन्य भारतीय दस्तावेज बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में किया जाता था.

ATS ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड भी पकड़ा गया है. लखनऊ के गोमती नगर स्थित ATS थाने में मामला दर्ज किया गया है और फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर अन्य नेटवर्क और सहयोगियों की जानकारी जुटाई जा रही है.

 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement