UP: गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने गए एक ही परिवार के तीन लोगों की डूबने से मौत, बच्ची को बचाने में हुआ हादसा

कानपुर में गंगा दशहरा के मौके पर एक दर्दनाक घटना में तीन लोगों की मौत हो गई. बिल्हौर में गंगा स्नान करते समय एक ही परिवार के तीन सदस्य डूब गए. 13 साल की नाबालिग प्रियंका को बचाने के प्रयास में चाचा बलराम और बहनोई संदीप ने भी जान गंवा दी. गंगा के घाट पर उमड़ी आस्था की भीड़ इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध रह गई.

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यह सांकेतिक तस्वीर है. यह सांकेतिक तस्वीर है.

aajtak.in

  • कानपुर,
  • 05 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

यूपी के कानपुर में गंगा दशहरा के मौके पर गुरुवार को गंगा नदी में स्नान के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया. कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र के कल्लूपुरवा गांव के तीन लोग नदी में डूब गए जिसमें एक बच्ची भी शामिल है. 

हादसे में तीनों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब परिवार गंगा किनारे एक पारिवारिक संस्कार के लिए एकत्र हुआ था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि मृतकों में 13 साल की प्रियंका निषाद, उसके चाचा बलराम निषाद (21) और बहनोई संदीप निषाद (19) शामिल हैं. 

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एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत

बिल्हौर के सहायक पुलिस आयुक्त अमरनाथ यादव ने बताया कि परिवार के सदस्य 'मुंडन' संस्कार के लिए गंगा किनारे एकत्र हुए थे. इसी दौरान प्रियंका गंगा नदी में डुबकी लगाने गई, लेकिन गहरे पानी में फंस गई और डूबने लगी.

प्रियंका को डूबते देख पहले उसके चाचा बलराम और फिर बहनोई संदीप उसे बचाने के लिए नदी में कूदे, लेकिन दुखद बात यह रही कि दोनों ही तैरना नहीं जानते थे. तीनों गहरे पानी में फंसकर डूबने लगे. 

घटना के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीण और निजी गोताखोर तुरंत हरकत में आए और बचाव कार्य शुरू किया. कुछ देर बाद बलराम और प्रियंका को पानी से बाहर निकाल लिया गया, जबकि संदीप की तलाश के लिए और गोताखोर बुलाए गए.

तीनों को तुरंत बिल्हौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस हादसा से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.  बता दें कि गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र पर्व माना जाता है. 

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क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा

मान्यता है कि इस दिन भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा माता धरती पर अवतरित हुई थीं. यह पर्व पुण्य, तप और मानव कल्याण का प्रतीक माना जाता है. इस मौके पर हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस दिन गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं.

 

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