UP: उर्दू पढ़ने से इनकार... टीचर ने मुस्लिम छात्रों से हिंदू बच्चों को पिटवाया! शिक्षक सस्पेंड

बिजनौर के हरवंशपुर धारम गांव के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन ने हिंदू छात्रों को उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर किया और विरोध पर मुस्लिम छात्रों से पिटवाया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बीएसए ने जांच कर शिक्षक को निलंबित कर दिया. मंदिर और भगवान को नकारने की बात पर भी विवाद गहराया है.

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मोहम्मद सलाउद्दीन ने हिंदू छात्रों को उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर किया.(Photo: Ritik Rajput/ITG) मोहम्मद सलाउद्दीन ने हिंदू छात्रों को उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर किया.(Photo: Ritik Rajput/ITG)

ऋतिक राजपूत

  • बिजनौर,
  • 03 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में धर्म आधारित भेदभाव की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. कोतवाली देहात ब्लॉक के हरवंशपुर धारम गांव स्थित एक सरकारी कंपोजिट विद्यालय में कार्यरत टीचर मोहम्मद सलाउद्दीन पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि वह स्कूल में हिंदू छात्रों को जबरन उर्दू पढ़ने के लिए बाध्य करते थे और विरोध करने पर मुस्लिम छात्रों से उनकी पिटाई करवाते थे.

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दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कई छात्र खुलकर कह रहे हैं कि यदि वे उर्दू पढ़ने से इनकार करते हैं तो सलाउद्दीन उन्हें डराते-धमकाते हैं और मुस्लिम छात्रों से पिटवाते हैं. वीडियो में यह भी साफ सुना जा सकता है कि शिक्षक मंदिरों और भगवान के अस्तित्व को नकारते हुए कहते हैं, मंदिर और भगवान कुछ नहीं होता, किसी ने भगवान को देखा है क्या?

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शिक्षक पर हुई त्वरित कार्रवाई

वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) योगेंद्र कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी इंद्रपाल सिंह को तत्काल जांच के आदेश दिए. जांच में बच्चों और अभिभावकों के बयान के आधार पर आरोप सत्य पाए गए.
 
BSA योगेंद्र कुमार ने तत्काल प्रभाव से शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन को निलंबित कर दिया और उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालय जहानाबाद खोबड़ा से संबद्ध कर दिया गया है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि, धर्म के नाम पर स्कूलों में भेदभाव असहनीय है. शिक्षा व्यवस्था में ऐसा आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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हिंदू संगठनों में आक्रोश

घटना के सामने आने के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों में नाराजगी फैल गई है. उनका कहना है कि विद्यालयों में धार्मिक कट्टरता और जबरन थोपे जाने वाली मानसिकता बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर रही है. संगठनों ने आरोपी शिक्षक पर कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

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