सहारनपुर: दूल्हे ने शगुन के पांच लाख रुपये लौटाए, नारियल लेकर रचाई शादी

सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र में हुई एक शादी ने समाज में मिसाल कायम की. दूल्हे उत्कर्ष पुंडीर ने दुल्हन पक्ष द्वारा दिए गए पांच लाख रुपये शगुन लौटाकर सिर्फ एक रुपया और नारियल स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि शादी सम्मान से होती है, दहेज से नहीं. उनके इस कदम की पूरे पंडाल में सराहना हुई और यह उदाहरण दहेज-मुक्त समाज की ओर प्रेरक संदेश बन गया.

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दूल्हे उत्कर्ष पुंडीर ने शगुन के पांच लाख रुपये लौटाकर नई मिसाल पेश की है (Photo: ITG) दूल्हे उत्कर्ष पुंडीर ने शगुन के पांच लाख रुपये लौटाकर नई मिसाल पेश की है (Photo: ITG)

अनिल कुमार भारद्वाज

  • सहारनपुर ,
  • 03 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

सहारनपुर जिले के टाबर गांव में हुई एक शादी ने पूरे इलाके में नई मिसाल कायम कर दी. आज जहां शादियों में दहेज को लेकर होड़ मची रहती है, वहीं इस दूल्हे ने समाज के सामने ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने सबका दिल जीत लिया. दूल्हे ने खुले मंच से दहेज में मिले पांच लाख रुपये लौटाकर कहा कि मैं नारियल और एक रुपये से ही शादी करूंगा, क्योंकि रिश्ता प्यार और सम्मान से बनता है, पैसों से नहीं.

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गांव खुडाना निवासी उत्कर्ष पुंडीर की बारात पूरे धूमधाम से टाबर गांव पहुंची थी. दुल्हन अंजना चौहान के घर स्वागत की तैयारियां जोरों पर थीं. ढोल-नगाड़े बज रहे थे, रिश्तेदार और मेहमान जश्न में डूबे थे. जैसे ही वरमाला और शगुन की रस्म शुरू हुई, सब कुछ सामान्य लग रहा था. लेकिन मंच पर पहुंचते ही उत्कर्ष पुंडीर ने ऐसा कदम उठा लिया, जिसने पूरे माहौल को भावुक कर दिया.

शादी सम्मान से होती है, सौदे से नहीं

दुल्हन पक्ष ने परंपरा के मुताबिक वर पक्ष को पांच लाख रुपये शगुन स्वरूप देने की औपचारिकता निभाई. लेकिन उत्कर्ष ने जैसे ही ये रकम देखी, उन्होंने सबके सामने कहा शादी एक पवित्र बंधन है, कोई सौदा नहीं. मैं दहेज के रूप में कोई पैसा नहीं लूंगा. मेरी शादी सिर्फ नारियल और एक रुपये के शगुन से पूरी होगी. यह कहते हुए उन्होंने पांच लाख रुपये की रकम वहीं मंच पर लौटा दी. पंडाल में मौजूद हर व्यक्ति ने इस कदम पर तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया. दुल्हन के पिता की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह आंसू गर्व के थे.

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ऐसा दूल्हा समाज की सोच बदल देगा

इस घटना के बाद पूरे गांव में उत्कर्ष पुंडीर की चर्चा छा गई. लोगों ने कहा कि आज के समय में जहां दहेज के बिना रिश्ता टूट जाते हैं, वहां एक दूल्हे ने अपनी सोच से समाज को आईना दिखाया है. गांव के बुजुर्ग रामपाल चौहान ने कहा कि 
हमने अपने जीवन में कई बारातें देखीं, पर ऐसा दूल्हा पहली बार देखा जो पांच लाख रुपये ठुकरा दे और कहे कि उसे सिर्फ सम्मान चाहिए, धन नहीं.

दुल्हन पक्ष ने भी जताया आभार

दुल्हन के परिजनों ने उत्कर्ष और उनके परिवार के इस कदम की जमकर सराहना की. दुल्हन के पिता ने कहा कि जब बेटियों की शादी होती है तो माता-पिता पर बहुत जिम्मेदारियां होती हैं. लेकिन उत्कर्ष जैसे युवाओं से उम्मीद बढ़ती है कि अब समाज में बदलाव संभव है. उसने हमारी बेटी ही नहीं, पूरे समाज का सम्मान बढ़ाया है.

बारात बनी समाज को संदेश देने वाली मिसाल

यह शादी अब पूरे सहारनपुर जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर तक लोग इस दहेज-मुक्त विवाह की बात कर रहे हैं. गांव में जो बच्चे शादी समारोह में शामिल हुए, वे भी कह रहे हैं कि वे आगे चलकर ऐसी ही शादी करना चाहेंगे. उत्कर्ष पुंडीर ने कहा कि शादी में दिखावा और दहेज का चलन समाज में गहरी जड़ें जमा चुका है. अगर हर दूल्हा यह ठान ले कि वह दहेज नहीं लेगा, तो समाज से यह बुराई खुद खत्म हो जाएगी. मुझे अपने माता-पिता पर गर्व है, जिन्होंने मुझे इस सोच के साथ बड़ा किया.

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