Ayodhya Ram Mandir Prana Pratishtha Live Updates: अयोध्या में वो शुभ वेला करीब आ गई है. नए राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो गए हैं. आज प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान किया जा रहा है. अयोध्या के सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान होगा. 17 जनवरी को राम लला की मूर्ति का परिसर प्रवेश होगा. 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास, 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा. 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास, 21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास होगा. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी. समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे. काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे. 18 जनवरी को रामलला की श्यामवर्ण मूर्ति गर्भगृह में विराजित होगी. यह मूर्ति कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाई है.
भाजपा सासंद गौतम गंभीर के पिता दीपक गंभीर को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला. पूर्व क्रिकेटर ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी.
राम मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली पर पांच शताब्दियों के बाद पुन: पधार रहे हैं. इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए सम्पूर्ण ब्रह्मांड उत्सुकता से प्रतीक्षा में है. प्रभु श्री राम के स्वागत की भव्यता को बढ़ाने के लिए हम दुनियाभर के सभी रामभक्तों से एक शॉर्ट वीडियो के जरिए इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएं व्यक्त करने का आग्रह करते हैं. आप ये वीडियो अपने पूरे नाम, जगह और संक्षिप्त व्यक्तिगत नोट के साथ #ShriRamHomecoming लिखकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं. आईए, सभी मिलकर सामूहिक रूप से एकता के सबसे बड़े सूत्रधार भगवान श्रीराम के आगमन का उत्सव मनाएं.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दुनियाभर के रामभक्तों से एक शॉर्ट वीडियो के जरिए इस ऐतिहासिक घटना के बारे में अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का आग्रह किया है. उन्हें #ShriRamHomecoming के साथ सभी प्लेटफार्मों पर पोस्ट करने के लिए कहा गया है. यूजर को अपना पूरा नाम, स्थान और संक्षिप्त में खुद के बारे में जानकारी देनी होगी.
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सुरक्षा में लगे जवानों का ड्रेस कोड भी अलग देखने को मिलेगा. स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, यूपी पुलिस और आम जनता के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है. कुछ ड्यूटियां ऐसी भी लगाई जाएंगी, जहां हमें सॉफ्ट स्किल और मधुर व्यवहार के जरिए आम दर्शनार्थियों के दिल को भी जीतना है. ऐसी जगहों पर जहां सामान्य जनता या श्रद्धालु जाएंगे, वहां पुलिस के लिए अलग ड्रेस कोड बनाया गया है. ये सारी टीम बिना शस्त्र की होगी. अन्य ड्यूटियां शस्त्र और वर्दी के साथ होंगी. लेकिन हम लोगों ने इस व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया है. CCTV के जरिए भी निगरानी की जाएगी. सिविल ड्रेस अधिकारी-कर्मचारी रहेंगे. ये सुनिश्चित कराएंगे कि आने वाले श्रद्धालु को किसी तरह की दिक्कत या परेशानी ना आए. कुछ प्रशिक्षु आईपीएस की भी ड्यूटी लगाई गई है. ये अफसर अलग-अलग राज्यों से आए हैं और स्थानीय भाषा की मदद से श्रद्धालुओं को मदद पहुंचाएंगे. यूपी सरकार की तरफ से यह प्रयोग किया जा रहा है. इस तरह का प्रयोग 2019 के महाकुंभ में भी किया गया था.
मूर्तिकार अरुण योगीराज ने राम लला की नई मूर्ति बनाने के बारे में जानकारी दी थी. योगराज कहते हैं कि उनके सामने चुनौती यह भी मूर्ति एक बच्चे की होनी चाहिए, जो दिव्य भी होना जरूरी था. यह भगवान के अवतार की मूर्ति है. जो लोग इसे देखते हैं, उन्हें प्रतिमा को दिव्यता का एहसास होना चाहिए. बच्चे जैसे चेहरे के साथ-साथ दिव्यता के पहलू को ध्यान में रखते हुए मैंने लगभग छह से सात महीने पहले अपना काम शुरू किया था. अब मैं बेहद खुश हूं. चयन से ज्यादा लोगों को इसकी सराहना करनी चाहिए, तभी मैं खुश रह पाऊंगा.
कर्नाटक के मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज के परिवार में खुशी का माहौल है. अरुण की बनाई मूर्ति को अयोध्या में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए चुना गया है. योगीराज की मां सरस्वती ने कहा, यह बहुत खुशी की बात है कि उनके बेटे द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन किया गया है. जब से हमें खबर मिली है कि अरुण द्वारा बनाई गई मूर्ति को स्थापना के लिए चुना गया है, हम बेहद खुश हैं. पूरा परिवार खुश है. बेटे ने सुबह मुझसे बात की और कहा कि उनके आदर्श का चयन कर लिया गया है. इससे पहले सोमवार को मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि नई मूर्ति में भगवान को पांच साल की बाल्यावस्था के रूप में खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है. इसे 18 जनवरी को 'गर्भगृह' में 'आसन' पर रखा जाएगा. अरुण योगीराज ने केदारनाथ में स्थापित की गई आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई है सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को भी बनाया है.
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 22 जनवरी को नए राम मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह है. इससे पहले मंगलवार से यहां मंदिर परिसर में अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. ये 21 जनवरी तक जारी रहेंगे. 11 पुजारी सभी 'देवी-देवताओं' का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं. ट्रस्ट ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में सात अधिवास हैं और कम से कम तीन अधिवास प्रचलन में हैं. 121 'आचार्य' हैं जो अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ 'अनुष्ठान' की देखरेख, समन्वय और निर्देशन कर रहे हैं. प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित दीक्षित होंगे. वहीं, इंडिगो ने मुंबई और अयोध्या के बीच सीधी उड़ान शुरू कर दी है.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं. ब्रह्म मुहूर्त से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए गए थे. रामलला की मूर्ति का प्रायश्चित और कर्मकूटी का पूजन शुरू हो चुका है.
गुजरात से आई 108 फीट लंबी अगरबत्ती को मंगलवार को अयोध्या में जलाया गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज की मौजूदगी में इस अगरबत्ती को जलाया गया. यह अगरबत्ती पर्यावरण के अनुकूल है. यह करीब डेढ़ महीने तक चलेगी और इसकी सुगंध कई किलोमीटर तक फैलेगी. इस अगरबत्ती का वजन 3,610 किलोग्राम है और यह लगभग 3.5 फीट चौड़ी है. अगरबत्ती तैयार करने वाले वडोदरा के विहा भरवाड ने बताया, 376 किलोग्राम गुग्गुल (गोंद राल), 376 किलोग्राम नारियल के गोले, 190 किलोग्राम घी, 1,470 किलोग्राम गाय का गोबर, 420 किलोग्राम जड़ी-बूटियों को मिलाकर अगरबत्ती को तैयार किया गया है. इसकी ऊंचाई दिल्ली में प्रतिष्ठित कुतुब मीनार की लगभग आधी है.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है. ब्रह्म मुहूर्त से ही सारे कार्य शुरू किए गए थे. अब 7 दिनों तक यहां विधि-विधान से पूजा की जाएगी. बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्तिकार योगीराज की मूर्ति का चयन किया गया है.
अयोध्या में आज भगवान राम की प्रतिमा का कर्मकुटी संस्कार होगा. मुख्य यजमान के रूप में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा अनुष्ठान में बैठेंगे. वे आगे की 50 वैदिक प्रक्रिया के साक्षी बनेंगे. मंगलवार को मुख्य यजमान सरयू जल के साथ 10 प्रकार के स्नान करेंगे, जिसमें गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, भस्म, कुशोदक-कुश मिला हुआ जल पंचांग का स्नान शामिल है. गोबर से दो बार स्नान करेंगे. यजमान का खान-पान और वस्त्र सब अलग होंगे. इन्हें लेने के बाद व्रत शुरू हो जाएगा.
मूर्तिकार अरुण योगीराज भगवान की प्रतिमा समर्पित करने से पहले अंतिम रूप देखकर आग्रह करेंगे कि कोई कमी हो तो बताए, जिसे दूर किया जा सके. यह शास्त्रों में दिया गया है. भगवान को सरयू से स्नान कराने के बाद आचार्य गण नेत्रों पर पट्टी बांधेंगे, जिसे 22 जनवरी को खोला जाएगा.
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए अयोध्या में छह भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे. फेस 2 के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है. लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर श्री राम द्वार नाम से एक भव्य द्वार परिसर का निर्माण किया जाएगा. गोरखपुर से अयोध्या मार्ग पर हनुमान द्वार नामक भव्य द्वार परिसर का निर्माण प्रस्तावित है. गोण्डा से अयोध्या मार्ग पर लक्ष्मण द्वार नामक भव्य द्वार परिसर का निर्माण सुनिश्चित किया जायेगा. प्रयागराज से अयोध्या मार्ग पर भारत द्वार नाम से एक भव्य द्वार परिसर का निर्माण किया जाएगा. अम्बेडकर नगर से अयोध्या मार्ग पर जटायु द्वार नामक भव्य द्वार परिसर का निर्माण प्रस्तावित है. रायबरेली से अयोध्या मार्ग पर गरुण द्वार नामक भव्य द्वार परिसर का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा. (इनपुट- आशीष श्रीवास्तव)
राम लला का गर्भ गृह स्थान तैयार हो गया है. लाइटिंग-फिटिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है. राम मंदिर के गर्भगृह का स्वर्ण द्वार भी बनकर तैयार हो गया है. इसके साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर सभी 14 स्वर्ण मंडित द्वार लगाए जाने का काम पूरा हो गया है. स्वर्ण द्वार लगाए जाने से मंदिर का प्रकाश दूर तक देखा जा रहा है. इससे मंदिर का नजारा बेहद शानदार नजर आ रहा है.
भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी. ये अतिथि राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा होगी.
परंपरा के अनुसार, नेपाल के जनकपुर और मिथिला के क्षेत्रों से 1000 टोकरियों में उपहार आए हैं. 20 और 21 जनवरी को जनता के लिए दर्शन बंद रहेंगे. राम मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के लिए दर्शन के लिए खुला रहेगा. जिस मूर्ति की ' 'प्राण प्रतिष्ठा' होने जा रही है, उसका वजन लगभग 150-200 किलोग्राम है.
चंपत राय कहते हैं, 22 जनवरी को राम मंदिर के 'गर्भ गृह' के अंदर पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख, यूपी के सीएम, नृत्य गोपाल जी महाराज, यूपी के राज्यपाल और सभी मंदिर ट्रस्टी मौजूद रहेंगे. 150 से अधिक संत मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और पद्म पुरस्कार विजेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा' दोपहर 1 बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है. समारोह के बाद अतिथि अपने विचार व्यक्त करेंगे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू होगा. राम लला की मूर्ति 18 जनवरी को 'गर्भ गृह' में स्थापित की जाएगी. ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे. मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे होगी. मुहूर्त (शुभ समय) वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा तय किया गया है.