उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिटायर्ड डीआईजी से साइबर ठगी का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि 13 जुलाई 2025 को राकेश शुक्ला को सोशल मीडिया मैनेजर पर रिटायर्ड आईएएस बलविंदर कुमार के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली. अगले दिन मैसेज में कहा गया कि उनके एक मित्र, जो CRPF में असिस्टेंट कमांडेंट हैं, घरेलू सामान सस्ते में बेच रहे हैं.
वहीं, इसके बाद वॉट्सऐप पर फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू सामान की तस्वीरें भेजी गईं. जिनकी कुल कीमत 1.10 लाख रुपये बताई गई. इस दौरान बातचीत और मैसेजिंग के जरिए रिटायर्ड डीआईजी को विश्वास में लिया गया. फिर क्यूआर कोड भेजकर रिटायर्ड डीआईजी राकेश शुक्ला से 1.75 लाख से ज्यादा की रकम वसूली गई.
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रिटायर्ड डीआईजी को ऐसे हुआ ठगी का एहसास
16 जुलाई को जब तय तारीख पर सामान नहीं पहुंचा और कॉल करने पर मोबाइल स्विच ऑफ मिला, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद राकेश शुक्ला ने इसकी सूचना साइबर क्राइम सेल लखनऊ में दी और ऑनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई. फिर उन्होंने हजरतगंज कोतवाली में भी FIR दर्ज कराई.
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पुलिस का कहना है कि रिटायर्ड डीआईजी से साइबर ठगी का मामला सामने आया है. ये ठगी वॉट्सऐप पर फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू सामान की बिक्री के नाम पर की गई है. मामले की जांच जारी है.
आशीष श्रीवास्तव