वनवे रास्ता, No-Vehicle Zone, VVIP पास रद्द... भगदड़ के बाद महाकुंभ के प्रोटोकॉल में हुए ये 5 बदलाव

प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इसी के साथ VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं. वहीं शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री 4 फरवरी तक प्रतिबंधित रहेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए नए निर्देश जारी किए हैं.

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प्रयागराज जंक्शन पर मौजूद भीड़. (Photo: PTI) प्रयागराज जंक्शन पर मौजूद भीड़. (Photo: PTI)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज/लखनऊ,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर हुई भगदड़ और श्रद्धालुओं की मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए पांच बड़े बदलाव किए हैं. अब पूरा मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी. सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों की तैनाती करने के साथ नए निर्देश जारी किए हैं.

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जानकारी के अनुसार, प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें.

महाकुंभ में हुए हैं ये प्रमुख बदलाव

  1. मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन – सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध.
  2. VVIP पास हुए रद्द – किसी भी विशेष पास के जरिए वाहन को प्रवेश नहीं मिलेगा.
  3. रास्ते किए गए वन-वे – श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू.
  4. वाहनों की एंट्री पर रोक – प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है.
  5. चार फरवरी तक सख्त प्रतिबंध – शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

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बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ को नियंत्रित करने और विभागों के बीच समन्वय को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए. उन्होंने कुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज के संभागीय आयुक्त के रूप में कार्य करने वाले आशीष गोयल और एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष भानु गोस्वामी को व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए तैनात करने का आदेश दिया है.

सीएम ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से महाकुंभ मेला व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करने को कहा है. उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी के लिए निर्बाध व्यवस्था बनाने के लिए हर पहलू की जांच की जानी चाहिए. प्रयागराज के मौजूदा एडीजी और डीएम श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखें.

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सरकारी बयान के अनुसार, संचालन की देखरेख के लिए पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि वे व्यवस्थाओं को बेहतर करने में मदद के लिए 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे. इसके अलावा, बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के लिए एसपी स्तर के अधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा.

बुधवार को तड़के मची भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री ने प्रयागराज, कौशांबी, वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, बस्ती, जौनपुर, चित्रकूट, बांदा, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, संत कबीर नगर, भदोही, रायबरेली और गोरखपुर सहित कई जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अन्य अफसरों के साथ देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की.

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प्रयागराज के एडीजी और जिला मजिस्ट्रेट से अपडेट की समीक्षा करने के बाद सीएम ने मेला क्षेत्र में सतर्कता और सावधानी बढ़ाने पर जोर दिया. सीएम ने अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट के अधिकारियों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट के बारे में भी अपडेट मांगा. इसके अलावा प्रयागराज की सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को प्रयागराज प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हैं, जो स्नान के लौटने की तैयारी कर रहे हैं. एडीजी और प्रयागराज के डीएम प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा का ध्यान रखें. भीड़ को देखते हुए परिवहन निगम की अतिरिक्त बसें चलाई जानी चाहिए. मेला क्षेत्र में भीड़ को देखते हुए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां भोजन और पानी की व्यवस्था की जाए. इन जगहों पर बिजली आपूर्ति होती रहे.

इन रास्तों पर गश्त बढ़ाने के दिए निर्देश

इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज और वाराणसी-प्रयागराज सहित सभी प्रमुख मार्गों पर गश्त बढ़ाई जाए. महाकुंभ मेला क्षेत्र में यातायात सुचारू रहे. अनावश्यक ठहराव से बचें. यदि रेहड़ी-पटरी वाले रास्ते पर कब्जा कर रहे हैं, तो उन्हें स्थानांतरित किया जाए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला अमृत स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी को है. महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालु दर्शन और पूजा के लिए वाराणसी और अयोध्या भी जा रहे हैं, जबकि कई चित्रकूट और मिर्जापुर जा रहे हैं. अगले दो दिनों में इन शहरों में सतर्कता बढ़ाई जानी जरूरी है. होल्डिंग एरिया बनाए जाने चाहिए. बैरिकेडिंग का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए, यातायात प्रबंधन में सुधार हो और पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था की जाए.

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