दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में कुख्यात माफिया रवि काना और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर बिसरख थाने में दर्ज की गई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सब इंस्पेक्टर अजय कुमार ने शुक्रवार को रवि नागर उर्फ रवि काना के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रवि काना ने 2018 के एक मामले में कोर्ट में पेशी से छूट पाने के लिए दिए गए आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे.
पुलिस के अनुसार, 2018 में रवि काना और उसके सहयोगियों के खिलाफ बिसरख थाने में जबरन वसूली और डकैती सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल की जा चुकी है, और मामला गौतम बुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित हैं.
जनवरी 2024 में, रवि काना ने गिरफ्तारी से बचने के लिए थाईलैंड के बैंकॉक भागने की कोशिश की थी. यह एक्शन सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक गैंगरेप के मामले में लिया गया था.
विदेश में रहते हुए, उसने 2018 के मामले में अदालत में पेशी से छूट के लिए आवेदन भेजा, जिसमें उसके हस्ताक्षर फर्जी पाए गए. सब इंस्पेक्टर अजय कुमार ने आरोप लगाया कि इस धोखाधड़ी में रवि काना और उसके गिरोह के सदस्यों की मिलीभगत थी.
रवि काना 2023 में हुआ था गिरफ्तार
अप्रैल 2023 में भारत लौटने पर, नोएडा पुलिस ने उसे एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि अगस्त 2023 में उसे नोएडा जेल से बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, क्योंकि नोएडा जेल में ‘गैंगवार’ की संभावना जताई गई थी. पुलिस इस नए मामले में रवि काना और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की भूमिका की जांच कर रही है.
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