PM Modi speech in Ayodhya: 'न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली', राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर PM मोदी बोले

पीएम मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम मंदिर निर्माण के बाद का विजन रखा. उन्होंने समर्थ, दिव्य और भव्य भारत के निर्माण का संकल्प दिलाया और यह भी कहा कि न्याय के पर्याय भगवान राम का मंदिर भी न्यायपूर्ण तरीके से ही बना.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

अवधपुरी सजकर तैयार है. रामलला दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न हो चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य आरती भी हो चुकी है. इसके बाद एक समारोह भी आयोजित किया गया है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद साष्टांग प्रणाम किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की. पीएम मोदी ने सबको राम राम कहा और कहा कि अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे. सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे रामलला आ गए. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है. कैलेंडर में लिखी यह एक तारीख नहीं, एक नए कालचक्र का उद्गम है. पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन के साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह बढ़ता ही जा रहा था. 

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उन्होंने कहा कि आज के हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे. हमारा कितना बड़ा सौभाग्य है कि हम इस पल को जी रहे हैं. यह पल सामान्य पल नहीं है. यह कालचक्र पर लिखी अमिट लकीर है. पीएम मोदी ने हनुमान और हनुमानगढ़ी के साथ ही माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और पवित्र अयोध्या पुरी, सरयु नदी को भी प्रणाम किया.

पीएम मोदी ने रामलला से की क्षमा याचना

पीएम मोदी ने कहा कि मैं दिव्य चेतना का अनुभव कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा प्रार्थना भी कर रहा हूं. हमारी तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी जिसकी वजह से हम इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं कर पाए. पीएम मोदी ने कहा कि आज वह कमी पूरी हुई. मुझे विश्वास है कि प्रभु श्रीराम जरूर हमें क्षमा करेंगे.

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पीएम मोदी ने गोस्वामी तुलसीदास की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा कि तब 14 वर्ष का वनवास था तब भी अयोध्या वासियों ने इतना वियोग सहा. आज इतनी सदियों तक वियोग सहना पड़ा. उन्होंने संविधान की पहली प्रति में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने का जिक्र किया और न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया. पीएम ने कहा कि न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली और न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्यायपूर्ण तरीके से ही बना.

सागर से सरयू तक यात्रा का पवित्र अवसर मिला

पीएम मोदी ने गांव-गांव में संकीर्तन का जिक्र किया और एक दिन पहले ही अपनी रामेश्वरम यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि धुषकोटि के आरंभ बिंदु पर था. वहां वंदना किया. मैंने प्रार्थना की, जिस तरह से उस समय कालचक्र बदला था. उसी तरह फिर कालचक्र बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा. उन्होंने नासिक से लेकर केरल और रामेश्वरम तक के मंदिरों की यात्रा और 11 दिन के अपने अनुष्ठान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मौके ने मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का पवित्र अवसर दिया.

यह क्षण बस विजय का ही नहीं, विनय का भी

पीएम मोदी ने कहा कि राम कण-कण में हैं. राम पर्व से लेकर परंपरा में समाए हुए हैं. हर युग में लोगों ने राम को जिया है. उन्होंने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को अपने-अपने भाव में अभिव्यक्त किया है. भारत के हर कोने के लोग रामरस का पान करते रहे हैं. राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, हर जगह समान है. मुझे अलग-अलग भाषाओं में लिखी रामकथा का श्रवण करने का अवसर मिला. राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है. उन अनगिनत लोगों, ऋषियों के हम सभी ऋणि हैं. यह क्षण उत्सव का तो है ही, यह बोध का भी है. यह क्षण बस विजय का ही नहीं, विनय का भी है.

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उन्होंने कहा कि कई देशों ने इतिहास की गांठ को जब खोलने के लिए कोशिश की, परिस्थितियां और जटिल हो गईं. पीएम ने कहा कि लेकिन भारत ने जिस परिपक्वता के साथ न सिर्फ इतिहास की इस गांठ को न सिर्फ खोला है, बल्कि सुलझाया है वह इस बात का संकेत है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. उन सबसे कहना चाहूंगा कि आइए, महसूस कीजिए. राम आग नहीं, ऊर्जा हैं. राम विवाद नहीं, समाधान हैं. राम सिर्फ हमारे नहीं, राम सबके हैं. राम अनंत हैं. पीएम ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, वसुधैव कुटुंबकम के विचार की भी प्रतिष्ठा है. ये साक्षात मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है.

शबरी का जिक्र कर बताया दिव्य-भव्य भारत के निर्माण का आधार

पीएम मोदी ने कहा कि अब राम मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या. जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं. कदापि नहीं. उन्होंने कहा कि कालचक्र बदल रहा है. यही समय है, सही समय है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी अगले हजार साल के लिए समर्थ-सक्षम-भव्य-दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं. आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा. हनुमानजी की भक्ति, हनुमानजी की सेवा, हनुमानजी का समर्पण ऐसे गुण हैं जिन्हें बाहर नहीं खोजना पड़ता है. हर भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण ही भव्य-दिव्य भारत के निर्माण का आधार बनेंगे.

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उन्होंने शबरी का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी आदिवासी मां शबरी को देखते ही अप्रतिम विश्वास जाग उठता है. शबरी कब से कहती थी- राम आएंगे. यही विश्वास दिव्य भारत के निर्माण का आधार बनेगा. देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार. आज देश में निराशा के लिए रत्तीभर भी स्थान नहीं है. अगर कोई ये सोचता है कि मैं तो छोटा हूं, उसे गिलहरी के योगदान को याद करना चाहिए. सबके प्रयास की यही चेतना समर्थ, दिव्य-भव्य भारत के निर्माण का आधार बनेगी.

हमें अब बैठना नहीं है, चूकना नहीं है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रावण का जिक्र करते हुए कहा कि लंकापति महाज्ञानी थे. पराक्रम के धनी थे. जटायु को देखिए, उन्हें पता था कि वह लंकापति को परास्त नहीं कर पाएंगे. फिर भी वह भिड़ गए. यही भारत के निर्माण का आधार बनेगा. पीएम ने राम के प्रति समर्पण को राष्ट्र के प्रति समर्पण से जोड़ देने का संकल्प दिलाया और कहा कि प्रभु को जो भोग चढ़ेगा वह भारत के परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रसाद भी होगा. उन्होंने कहा कि यह भारत के विकास का अमृतकाल है. आज भारत युवा शक्ति से भरा हुआ है. ऐसी परिस्थितियां न जाने कितने समय बाद बनेंगी. हमें अब बैठना नहीं है, चूकना नहीं है.

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पीएम मोदी ने सूर्ययान आदित्य से लेकर लड़ाकू विमान तेजस का भी जिक्र किया और कहा कि भारत समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा. आने वाले समय सफलता का है, सिद्धि का है. ये भव्य राम मंदिर भव्य भारत के अभ्युदय का साक्षी बनेगा. यह मंदिर सिखाता है कि लक्ष्य पवित्र हो, सामूहिक शक्ति से जन्मा हो तब उसे हासिल करना असंभव नहीं है. हम सदियों की प्रतीक्षा के बाद यहां पहुंचे हैं. हम अब रुकेंगे नहीं. हम विकास की ऊंचाई पर पहुंचकर ही रहेंगे. पीएम मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के उद्घोष के साथ ही अपना संबोधन पूरा किया. इसके बाद पीएम मोदी कुबेर टीला की ओर रवाना हो गए.

पीएम ने रामलला के चरणामृत का पान कर पूरा किया अनुष्ठान

इससे पहले, पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब गर्भगृह से बाहर आए, श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास और मौके पर मौजूद अन्य साधु-संतों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने दोनों हाथ जोड़कर मंदिर परिसर के बाहर मौजूद लोगों का अभिवादन किया.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को राम मंदिर का चांदी से निर्मित मॉडल भेंट कर उनका सम्मान किया. पीएम मोदी ने परमहंस गोविंददेव गिरी के हाथ से भगवान राम का चरणामृत ग्रहण कर अपना 11 दिन का उपवास पूर्ण किया. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

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प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के चरणों में साष्टांग हुए पीएम मोदी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में पीएम मोदी के साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी गर्भगृह में मौजूद रहीं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने रामलला की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना भी की. अलग-अलग जगह से पहुंचे छह गृहस्थ दंपति भी इस अनुष्ठान में शामिल हुए. पीएम मोदी समेत वह सभी लोग पिछले 11 दिन से जमीन पर सो रहे थे और तपस्वी की तरह जीवनयापन कर रहे थे, जिन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लिया था.

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