भगवा रंग, बेहतर सुविधाएं और कई नए फीचर्स से लैस दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन, जानें रूट-टाइम शेड्यूल

ये ट्रेन 18 दिसंबर को दोपहर 2:15 बजे वाराणसी से नई दिल्ली के लिए रवाना होगी. हालांकि, सामान्य तौर पर ये मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन वाराणसी से नई दिल्ली के लिए सुबह छह बजे खुलेगी और दोपहर 2:05 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी.

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Varanasi-delhi Vande Bharat Express Varanasi-delhi Vande Bharat Express

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी और नई दिल्ली के बीच दूसरी वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (सोमवार), 18 दिसंबर 2023 को दोपहर 2:15 बजे इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. ये वंदे भारत भगवा रंग की है और इसमें कई नई विशेषताएं हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये भगवा रंग की दूसरी वंदे भारत ट्रेन है, जिसे रेल मंत्रालय लॉन्च करने जा रहा है. उत्तर रेलवे ने भगवा रंग की इस ट्रेन की एक तस्वीर भी साझा की है. 

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नए फीचर्स से लैस दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन

उत्तर रेलवे का कहना है कि इस ट्रेन में बेहतर यात्री सुविधाएं हैं, जैसे ऑनबोर्ड वाई-फाई इंफोटेनमेंट, जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आलीशान इंटीरियर, टच-फ्री सुविधाओं के साथ बायो-वैक्यूम शौचालय, विसरित एलईडी लाइटिंग, हर सीट के नीचे चार्जिंग पॉइंट, व्यक्तिगत स्पर्श-आधारित रीडिंग लाइट और रोलर ब्लाइंड. इसमें रोगाणु-मुक्त हवा की सप्लाई के लिए यूवी लैंप के साथ बेहतर हीट वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग प्रणाली है. 

रूट और टाइम

ये ट्रेन 18 दिसंबर को दोपहर 2:15 बजे वाराणसी से नई दिल्ली के लिए रवाना होगी. हालांकि, सामान्य तौर पर ये मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन वाराणसी से नई दिल्ली के लिए सुबह छह बजे खुलेगी और दोपहर 2:05 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी और फिर 55 मिनट बाद 3:00 बजे वाराणसी के लिए रवाना होगी. जो रात 11:05 बजे अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचेगी.

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नई दिल्ली और वाराणसी के बीच पहले से चल रही वंदे भारत ट्रेन

पहली वंदे भारत ट्रेन, जो पहले से नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चल रही है, वो दिल्ली से सुबह 6:00 बजे शुरू होती है और दोपहर 2:00 बजे अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचती है और दोपहर 3:00 बजे नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करती है और रात 11:00 बजे गंतव्य पर पहुंचती है. यह गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है.

दूसरी भगवा वंदे भारत

इससे पहले रेलवे ने 24 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच अपनी पहली भगवा-ग्रे रंग की वंदे भारत ट्रेन शुरू की थी. ये उन नौ वंदे भारत ट्रेनों में से एक थी जिसे प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में हरी झंडी दिखाई थी.

अश्विनी वैष्णव ने बताई भगवा रंग की वजह 

भगवा रंग की ट्रेनों पर हो रही राजनीति से पल्ला झाड़ते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि रंगों का चुनाव वैज्ञानिक सोच से किया गया था. उन्होंने कहा, इंसान की आंखों के लिए, दो रंग सबसे अधिक दिखाई देने वाले माने जाते हैं - पीला और नारंगी. यूरोप में, लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनों में नारंगी या पीले रंग का संयोजन होता है.

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वैष्णव के अनुसार, सिल्वर जैसे कई अन्य रंग भी हैं, जो पीले और नारंगी जैसे चमकीले होते हैं, लेकिन "अगर हम इंसान की विजिबिलिटी के नजरिए ये बात करें तो ये दो रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं. वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों के रंग के पीछे कोई राजनीति नहीं है और यह 100 प्रतिशत वैज्ञानिक सोच है.

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