'हमने अपनी हैसियत से बढ़कर बेटियों की शादियां कीं. स्कॉर्पियो दी, बुलेट दी, कैश भी दिया. जो एक किसान कर सकता है, वो सब किया'. यह कहते-कहते निक्की भाटी के भिखारी सिंह की आंखें भर आईं. ग्रेटर नोएडा में जिंदा जलाई गई निक्की भाटी के पिता का दर्द हर शब्द में झलक रहा था. उन्होंने बताया कि समाज की परंपराओं को निभाते हुए बेटियों की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन ससुराल वालों की लालच और जुल्म ने उनकी दुनिया उजाड़ दी. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में क्यों की.
बेटियों की खुशियों के लिए सब किया
पिता भिखारी सिंह ने बताया कि उन्होंने बेटियों को हमेशा बेहतरीन जिंदगी देने की कोशिश की. बच्ची को कभी बस में लटकने नहीं दिया. हमेशा अपनी गाड़ी से भेजा. डीपीएस से पढ़ाया. बेटियों के भविष्य के लिए हर कदम उठाया. लेकिन जिस घर में उनकी शादी की, वहां से सिर्फ तकलीफ मिली. उन्होंने कहा कि बड़ी बेटी कंचन ने उन्हें कई बार बताया कि निक्की के साथ ससुराल में मारपीट होती है. जब कंचन ने इसका विरोध किया तो उसके साथ भी हाथापाई हुई.
हमने घर बुला लिया था, लेकिन पंचायत के बाद भेज दिया
भिखारी सिंह ने बताया कि कई बार हालात बिगड़ने पर उन्होंने बेटियों को मायके बुला लिया. हम अपने यहां ले आए थे बेटी को. लेकिन समाज बैठी, पंचायत हुई और तय हुआ कि बेटी को वापस भेज दिया जाए. हमने उम्मीद की कि हालात सुधरेंगे. लेकिन ससुराल वालों की आदतें नहीं बदलीं. निक्की की सास के व्यवहार पर उन्होंने गहरा आक्रोश जताया. भिखारी सिंह ने कहा कि निक्की की सास उसके बाल खींचती और बेटे से पिटवाती थी. ऐसी मां मैंने पहली बार देखी. मां होकर कोई ऐसा कैसे कर सकता है?
क्यों की दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में
लोगों के सवालों पर कि क्यों उन्होंने दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में की, भिखारी सिंह का कहना है, उनके भी दो बेटे थे, हमारे भी दो बेटियां. घर छोटा था, हमने सोचा था कि दोनों बहनें साथ रहेंगी तो खुश रहेंगी. हमें क्या पता था कि ऐसा हो जाएगा. हमने बेटियों की जिंदगी बेहतर बनाने का सपना देखा था, लेकिन वो सपना टूट गया.
दहेज और लालच की अंतहीन मांगें
भिखारी सिंह बताते हैं कि शादी के बाद मांगें खत्म नहीं हुईं. पहले स्कॉर्पियो और बुलेट ली. फिर कभी कहते मर्सिडीज दे दो, कभी लाखों रुपये कैश मांगते. 36 लाख रुपये तक की मांग कर दी. हमारी बेटियां पार्लर चला रही थीं, तो वहीं से पैसे चुराने लगे. काम-धंधा कुछ नहीं, बस पैसों का दबाव बनाना.
वह दर्दनाक रात
21 अगस्त की रात निक्की के जीवन की आखिरी रात साबित हुई. बहन कंचन की गवाही के मुताबिक, उस दिन निक्की के साथ बुरी तरह मारपीट की गई. “उसके गले पर हमला किया गया, वह बेहोश हो गई. फिर उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी गई. परिजन और पड़ोसियों ने किसी तरह निक्की को बचाने की कोशिश की. पहले पास के अस्पताल, फिर फोर्टिस और उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. लेकिन सफदरजंग पहुंचने से पहले ही निक्की की मौत हो गई.
पुलिस की कार्रवाई
कासना थाने की पुलिस ने घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की. पति विपिन, सास दया, ससुर सतवीर और जेठ रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पूछताछ में निक्की के ससुर सतवीर ने बताया कि वह घटना के समय घर पर नहीं था. सास दया का कहना था कि वह किसी काम से गई थी. पुलिस अब CCTV फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के जरिए सच्चाई का पता लगाने में जुटी है. साथ ही, सभी पक्षों के CDR और लोकेशन डेटा की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि घटना के वक्त कौन कहां था.
अरुण त्यागी