मोक्ष की खोज में लंदन से वाराणसी पहुंची मुस्लिम महिला, गंगा किनारे अपनाया सनातन धर्म

लंदन निवासी बांग्लादेशी मूल की मुस्लिम महिला अंबिया बानो ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर वैदिक रीति से सनातन धर्म अपनाया है. 27 साल पहले किए गए गर्भपात की आत्मग्लानि ने उन्हें पिंडदान के लिए प्रेरित किया. उन्होंने आत्मशुद्धि कर पिंडदान किया और अब उनका नाम अंबिया माला रखा गया है.

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अंबिया माला (मुस्लिम से हिन्दू धर्म अपनाने वाली महिला). अंबिया माला (मुस्लिम से हिन्दू धर्म अपनाने वाली महिला).

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 12 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली और अब लंदन निवासी एक मुस्लिम महिला ने पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ सनातन धर्म को अपनाया है. साथ ही 27 साल पहले किए गए गर्भपात के पाप से मुक्ति पाने के लिए पिंडदान भी किया. महिला का कहना है कि मुझे अपने कर्मों के लिए आत्मिक शांति मिल रही है.

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दरअसल, यह महिला हैं 49 वर्षीय अंबिया बानो, जो अब धर्म परिवर्तन के बाद अंबिया माला बन चुकी हैं. उन्होंने बताया कि लंदन में पले-बढ़े जीवन में उन्होंने पश्चिमी सोच के प्रभाव में आकर 27 वर्ष पहले गर्भपात करवा दिया था. लेकिन समय बीतने के साथ उन्हें आत्मग्लानि सताने लगी. पिछले कुछ वर्षों से उन्हें बार-बार सपनों में उनकी अजन्मी बेटी की आत्मा मुक्ति की गुहार लगाती नजर आती थी. इस पीड़ा और पश्चाताप ने उन्हें काशी आने के लिए प्रेरित किया.

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अंबिया माला बताती हैं कि उनका विवाह ईसाई धर्म मानने वाले नेविल बॉर्न जूनियर से हुआ था. विवाह के लिए नेविल ने मुस्लिम धर्म स्वीकार किया और करीब एक दशक बाद दोनों का मुस्लिम रीति से तलाक हो गया. लेकिन अंबिया की आत्मा को कभी शांति नहीं मिली. उन्होंने कहा कि शोध और अध्ययन के बाद उन्हें समझ आया कि गर्भ में पल रहा शिशु भी एक जीव होता है और उसकी हत्या भी पाप है. इस बोध ने उन्हें सनातन धर्म की ओर आकर्षित किया.

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काशी पहुंचकर अंबिया ने प्रसिद्ध पुरोहित पं. रामकिशन पांडेय के सान्निध्य में पंचगव्य से शुद्धि करवाई और पांच वैदिक ब्राह्मणों के माध्यम से दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान का कर्मकांड सम्पन्न कराया. उनके नवजीवन की शुरुआत के प्रतीकस्वरूप उनका नाम भी परिवर्तित कर ‘अंबिया माला’ रखा गया. उनका कहना है  हर धर्म की जड़ सनातन धर्म में है और अब मुझे अपने कर्मों के लिए आत्मिक शांति मिल रही है.

वहीं, पुजारी रामकिशन पांडे ने बताया कि मुस्लिम महिला को पंचगव्य पिलाकर शुद्ध किया गया है. सनातनी बनने के बाद उसका नाम अंबिया बानो से बदलकर 'अंबिया माला' रख दिया गया. इसके अलावा मुस्लिम महिला ने गलती से अपनी अजन्मी बेटी का गर्भपात भी करा दिया था, जिसके लिए पिंडदान भी किया गया.

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