मुख्तार के करीबी की हत्या के बाद बोला शूटर... हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया

UP Crime: मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा माहेश्वरी की लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई है. कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया. इस दौरान एक महिला की गोद में ली हुई बच्ची और एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है.

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प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया शूटर्स ने कैसे अंजाम दिया हत्याकांड. प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया शूटर्स ने कैसे अंजाम दिया हत्याकांड.

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ ,
  • 07 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा माहेश्वरी की लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस हत्याकांड में हैरान करने वाली बात यह है कि हमलावर ने वारदात को कोर्ट परिसर में अंजाम दिया है. वारदात को अंजाम देने के लिए वह बकायदा वकील की ड्रेस पहनकर अदालत पहुंचा था.

कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया कि कोर्ट में भीड़ थी. संजीव माहेश्वरी जीवा सुनवाई का इंतजार कर रहा था. तभी एक शूटर आया और संजीव पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. मौके पर मौजूद एक महिला की गोद में बच्ची थी.

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इस दौरान मासूम बच्ची के पीठ पर गोली लगी है, जो पेट से निकल गई है. वहीं, महिला के अंगूठे में गोली लगी है. इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी. प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया कि संजीव जान बचाने के लिए अंदर भागा और वह 10 से 15 मिनट तक बेसुध पड़ा रहा. 

शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया. बताया जा रहा है कि शूटर विजय यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह जौनपुर का रहने वाला है. वारदात को विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में अंजाम दिया गया है. 

जेल से ही गैंग को चला रहा था संजीव 

बता दें, संजीव जीवा पर भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था, जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी. जीवा पर जेल से गैंग चलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था.

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पिछले कुछ सालों से संजीव जीवा अपनी पत्नी को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने भी 2017 का विधानसभा चुनाव सदर सीट से रालोद में शामिल होकर लड़ा था.

90 के दशक में जुर्म की दुनिया में रखा कदम 

संजीव जीवा इस समय लखनऊ जेल में बंद था. 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा करना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस और आम लोगों के लिए सिरदर्द बन गए. शुरुआती दिनों में वह एक डिस्पेंसरी संचालक के यहां कंपाउंडर का काम करता था.

इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने बॉस यानी डिस्पेंसरी के संचालक का अपहरण कर लिया था. इसके बाद से वह जुर्म की दुनिया में कदम बढ़ाता चला गया. बताते चलें कि इससे पहले प्रयागराज में पुलिस की मौजदूगी में तीन शूटर्स ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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