UP: खाद न मिलने और अपमान से टूटा किसान.. फांसी लगाकर दी जान, परिवार पर टूटा कहर

महोबा के पवा गांव में खाद न मिलने और समिति सचिव द्वारा अपमानित किए जाने से आहत अनुसूचित जाति के किसान रामेश्वर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का कहना है कि कई दिनों से खाद केंद्र के चक्कर लगाने के बाद भी उसे एक बोरी खाद नहीं मिली. छह बच्चों का सहारा खोने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

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समिति सचिव ने आरोपों को खारिज किया. (Photo: Representational) समिति सचिव ने आरोपों को खारिज किया. (Photo: Representational)

नाह‍िद अंसारी

  • महोबा,
  • 27 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST

यूपी के महोबा से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां सिर्फ एक बोरी खाद न मिलने और अपमानित किए जाने से आहत होकर किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना सदर तहसील के पवा गांव की है. मृतक किसान की पहचान 45 वर्षीय रामेश्वर के रूप में हुई है, जो अनुसूचित जाति से थे और दो बीघा जमीन की खेती करके परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे.

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दरअसल, परिजनों का आरोप है कि रामेश्वर कई दिनों से सहकारी समिति से खाद लेने के लिए चक्कर काट रहे थे, लेकिन उन्हें खाद नहीं दी गई. इतना ही नहीं समिति के सचिव अच्छेलाल सेन ने उनसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित भी किया. इस अपमान और खाद की कमी से परेशान रामेश्वर घर लौटे और परिवार को अपना दर्द बताते रहे.

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बेटे और भतीजे ने समझाने की कोशिश की, लेकिन गहरे सदमे में डूबे रामेश्वर ने घर में ही कपड़े से फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी. घटना के समय पत्नी छत पर खाना बना रही थीं और छोटा बेटा बाहर गया हुआ था. जैसे ही पत्नी कमरे में खाना देने पहुंचीं, पति को फंदे पर लटका देख चीख उठीं. किसान की मौत से छह बच्चों का परिवार बेसहारा हो गया. चार बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि दो बेटे अभी पढ़ाई कर रहे हैं.

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मृतक की फाइल फोटो.

घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं, समिति सचिव अच्छेलाल सेन ने आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि मृतक किसान उनकी सोसाइटी में खाद लेने आया ही नहीं था और केवल रजिस्टर्ड किसानों को ही खाद बांटी गई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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