महाकुंभ में इस समय जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. प्रयागराज शहर पूरी तरह से जाम है. शहर के हर बॉर्डर पर कई किलोमीटर तक सिर्फ गाड़ियां-गाड़ियां ही नजर आ रही हैं. देर शाम प्रयागराज के आसपास के दर्जनों जिलों में भी महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते जगह-जगह जाम लगा रहा. रायबरेली, कौशांबी, वाराणसी, जौनपुर, कानपुर सारे हाइवेज पर गाड़ियां रेंग रही थीं और दूर-दूर से आए यात्री घंटों भूखे-प्यासे अपनी कार में ही 'कैद' होने को मजबूर रहे. कई जगहों पर तो पुलिस को अनाउंस करना पड़ा कि लोग अभी वापस लौट जाएं, भीड़ कम होने के बाद पवित्र स्नान के लिए आएं. हालांकि, लोग मानने को तैयार नहीं थे. उधर, महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिल रहा है. हालांकि, पुलिस-प्रशासन व्यवस्थित स्नान के लिए मुस्तैद है. अब जाम से भी कुछ हद तक राहत है.
इस बीच ईस्ट दिल्ली के यमुना विहार से आई एक फैमिली ने बताया कि उन्हें रास्ते में जबरदस्त ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ा. कई घंटे वाहनों में 'कैद' रहना पड़ा. कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचने के बाद भी कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. आलम ये था कि संगम नोज के पास पैर रखने की भी जगह नहीं थी. बड़ी मुश्किल से स्नान किया. अब वापस जाने में भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी, क्योंकि अभी भी जगह-जगह जाम की खबरें आ रही हैं.
परिवार के साथ दिल्ली से महाकुंभ आईं पूजा कहती हैं कि हम लोग शनिवार रात को 9 बजे चले थे. जगह-जगह इतना जाम मिला कि रविवार शाम 4 बजे प्रयागराज में एंट्री मिली, फिर कई घंटे पार्किंग के लिए भटकना पड़ा. रात के 12 बजे गए. आखिर में सुबह 4 बजे घाट तक पहुंचे और 7 बजे के बाद आस्था की डुबकी लगाई. करीब 5 किमी पैदल चले, एक मेटाडोर किया, तब जाकर घाट किनारे पहुंच पाए, जिसमें लगभग 3 घंटे लग गए. क्योंकि, भीड़ जबरदस्त थी. हालांकि, स्नान हो गए तो मन में संतोष हैं.
यमुना विहार से प्रयागराज की दूरी 670 किमी के करीब है, बाई रोड इसे कंप्लीट करने में लगभग 11 घंटे का टाइम लगता है, मगर ट्रैफिक जाम के चलते पूजा और उनके परिवार का ये सफर 24 घंटे का हो गया. घाट तक पहुंचने में और समय लगा.
वहीं, भदोही-प्रयागराज हाइवे पर महाकुंभ से लौट रहे बिहार के नवादा की रितू कहती हैं कि महाकुंभ में स्नान तो सुगम तरीके से हुआ लेकिन रास्ते में जाम से दो चार होना पड़ा. हर 10 किमी में जाम जैसी स्थिति बन जा रही थी. फिर भी महाकुंभ स्नान के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है. इसी तरह झारखंड के देवघर से आए एक शख्स ने कहा कि योगी जी बढ़िया व्यवस्था की है, थोड़ा बहुत जाम झेलना पड़ा, मगर ये कोई इतना बड़ा इश्यू नहीं है. स्नान अच्छे से हो रहे हैं, स्थिति नियंत्रण में है.
जाम की वजह से बच्चों और बुजुर्गों का हाल बुरा हो गया है. हरियाणा से आए एक यात्री ने कहा कि हम महाकुंभ में स्नान के लिए आए थे. पिछले 36 घंटे से यहीं पर हैं और बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. मुझे हरियाणा जाना है. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया था कि श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. लेकिन यहां पर लोगों को जाम से परेशान होना पड़ रहा है.
रायबरेली से आए रामकृपाल ने बताया कि लखनऊ-प्रयागराज हाइवे पर फाफामऊ से पहले वह पांच घंटे तक जाम में फंसे रहे, उन्होंने बताया कि किसी तरह बेला कछार में वाहन खड़ा किया और वहां से पैदल ही संगम घाट के लिए निकल पड़े.
बीती शाम प्रयागराज में महाकुंभ स्नान कर लौटने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रयागराज-वाराणसी नेशनल हाइवे पर जबरदस्त ट्रैफिक दबाव देखने को मिला. वाहनों की लंबी कतारें लगने और हाइवे पर जाम की स्थिति को देखते हुए भदोही प्रशासन ने लाला नगर टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से टोल फ्री करने का निर्णय लिया. हालांकि, आज सुबह स्थिति सामान्य है.
दरअसल, रविवार को भदोही हाइवे पर हजारों वाहनों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया. टोल प्लाजा पर वाहनों की धीमी रफ्तार और लंबी कतारों के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई. हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित निर्णय लेते हुए टोल टैक्स को अस्थायी रूप से समाप्त करने का आदेश दिया.
रविवार को महाकुंभ मेले के मार्गों पर कई किलोमीटर तक भीषण जाम लगा तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से फंसे श्रद्धालुओं के लिए आपातकालीन व्यवस्था करने को कहा. वहीं, स्टेशन के बाहर अत्यधिक भीड़ के कारण प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया.
मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम छह बजे तक 1.42 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया. अब तक 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके हैं.
ट्रैफिक जाम को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रयागराज महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तत्काल आपातकालीन व्यवस्था की जानी चाहिए. जगह-जगह ट्रैफिक जाम में फंसे भूखे, प्यासे, परेशान और थके हुए श्रद्धालुओं को मानवीय नजरिए से देखा जाना चाहिए. क्या आम श्रद्धालु इंसान नहीं है?"
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "लखनऊ की ओर प्रयागराज में प्रवेश से 30 किलोमीटर पहले नवाबगंज में जाम है, रीवा रोड से 16 किलोमीटर पहले गौहनिया में जाम है और वाराणसी की ओर 12 से 15 किलोमीटर तक जाम है और हर जगह भीड़ के ट्रेन के इंजन में घुसने की खबरें छप रही हैं. सामान्य जीवन मुश्किल हो गया है."
रायबरेली-प्रयागराज हाइवे का हाल-
'एक्स' पर एक अन्य पोस्ट में अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश का एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिसकर्मी सड़क पर लोगों से प्रयागराज की ओर जाने से मना करते दिख रहे हैं, क्योंकि मार्ग पर भारी यातायात है. उन्होंने लिखा, "दोनों तरफ 'भाजपा सरकार' है. एक कहता है महाकुंभ में आओ, दूसरा कहता है कि पार मत करो." उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों में भाजपा सत्ताधारी पार्टी है.
मामले में एडीसीपी (यातायात) कुलदीप सिंह ने कहा, "वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और यात्री महाकुंभ मेला क्षेत्र के जितना करीब हो सके, आने की कोशिश कर रहे हैं. इस वजह से लंबा जाम लग रहा है. सिंह ने कहा कि लगभग उतनी ही भीड़ इस बार आ रही है, जितनी मौनी अमावस्या पर आई थी. दूर की पार्किंग 50 फीसदी भरी हुई है. नजदीकी पार्किंग छोटी पार्किंग है, जबकि दूर की पार्किंग बड़ी है.
एडीसीपी ने कहा कि स्नान पर्व पर स्थानीय लोगों के वाहन नहीं चलते, लेकिन अब सभी तरह के वाहन चल रहे हैं. पिछले (2019) कुंभ में खास तौर पर सामान्य दिनों में इतनी भीड़ नहीं होती थी, लेकिन इस बार सामान्य दिनों में इतनी भीड़ आ रही है. उन्होंने ने आगे कहा कि अगले कुछ दिनों तक श्रद्धालुओं की भीड़ कम होती नहीं दिख रही है.
इस बीच, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (उत्तर रेलवे), लखनऊ कुलदीप तिवारी ने कहा, "प्रयागराज संगम स्टेशन के बाहर भारी भीड़ के कारण यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए हमने यात्रियों को बाहर निकलने के लिए कहा है. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
दूसरी ओर, उत्तर मध्य रेलवे ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर अगले आदेश तक एकल दिशा यातायात व्यवस्था लागू कर दी है.
उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रवेश केवल सिटी साइड (प्लेटफॉर्म नंबर-1 की ओर) से दिया जाएगा और निकासी केवल सिविल लाइंस साइड से होगी.
उन्होंने बताया कि अनारक्षित यात्रियों को दिशावार यात्री आश्रय स्थल के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। यात्री आश्रय स्थलों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में टिकट की व्यवस्था होगी. इसी तरह आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 5 से प्रवेश दिया जाएगा और उन्हें ट्रेन आने के आधे घंटे पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने दिया जाएगा.
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