प्रयागराज में वाहनों की एंट्री को लेकर मजिस्ट्रेट ने दी अहम जानकारी, महाकुंभ जाने से पहले जान लें

MahaKumbh News: प्रयागराज जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार ने कहा, "30 जनवरी से श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं और पुलिस को डायवर्जन और बैरिकेड्स हटाने के निर्देश दिए गए हैं. 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा."

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महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़

aajtak.in

  • प्रयागराज ,
  • 31 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार ने जिले में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने की घोषणा की, जो कि महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुचारू आवाजाही के लिए लगाया गया था. सोशल मीडिया पर प्रसारित रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त करते हुए मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया, "एक वायरल संदेश में दावा किया गया है कि प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश 4 फरवरी तक प्रतिबंधित रहेगा. यह पूरी तरह से निराधार है. मौनी अमावस्या स्नान (पवित्र स्नान) के मद्देनजर ही डायवर्जन योजना लागू की गई थी."

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार ने कहा, "30 जनवरी से श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं और पुलिस को डायवर्जन और बैरिकेड्स हटाने के निर्देश दिए गए हैं. 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा." हालांकि, मजिस्ट्रेट ने साफ किया कि बसंत पंचमी स्नान के लिए 2 और 3 फरवरी को डायवर्जन योजना फिर से लागू की जाएगी. 

उन्होंने कहा, "मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश के लिए एक अलग प्रक्रिया मेला अधिकारी और डीआईजी द्वारा प्रबंधित की जाएगी, जो आगे की अधिसूचनाएं जारी करेंगे. प्रयागराज कमिश्नरी क्षेत्र में वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है." मजिस्ट्रेट ने 4 फरवरी तक प्रयागराज सीमा क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश के प्रतिबंध को महज अफवाह बताया. 

बकौल प्रयागराज जिला मजिस्ट्रेट- महाकुंभ क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की अलग प्रक्रिया है. इस संबंध में मेला अधिकारी और डीआईजी मेला अलग से सूचित करेगें. फिलहाल, प्रयागराज जिले में आवाजाही की कोई मनाही नहीं है.  

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आपको बता दें कि महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद खबर आई कि अब मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा फिर चाहे वाहन पर पास ही क्यों न लगा हो. फिलहाल, मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. मेला प्रशासन की ओर से VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं. मेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं. जिसके बाद से एक रास्ते और श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम और भगदड़ की संभावना कम हो सके.

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