लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के कार्डियोलॉजी विभाग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ऑक्सीजन मास्क लगाए एक मरीज हाथ जोड़कर इलाज की गुहार लगा रहा है. आरोप है कि वेंटिलेटर खाली ना होने की वजह से मरीज को इलाज नहीं मिल पाया और आखिर में उसने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाया है. फिलहाल, KGMU प्रशासन ने मामले में बयान दिया है.
केजीएमयू के PRO सुधीर सिंह ने बताया कि 60 वर्षीय मरीज का नाम अबरार अहमद है. 2018 में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी. उन्हें बराबर अस्पताल आने को कहा गया था, लेकिन मरीज दोबारा नहीं आए. घटना वाले दिन (25 नवंबर) हार्ट अटैक पड़ने पर अस्पताल लाया गया. जिसपर हमने प्राथमिक उपचार दिया.
बकौल सुधीर सिंह- मरीज को ICU वेंटिलेटर की जरूरत थी लेकिन हमारे पास उस समय वो खाली नहीं था. किसी दूसरे मरीज को वेंटिलेटर से हटाया नहीं जा सकता था. ऐसे में हमने मरीज अबरार को पीजीआई रेफर किया था. शुरू में परिजन मान गए थे लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने पीजीआई ले जाने से मना कर दिया और KGMU में ही इलाज करने की बात कही. इस बीच मरीज की मौत हो गई.
मामले में राजधानी लखनऊ के दुबग्गा निवासी सैफ ने बताया कि उनके पिता अबरार का साल 2018 से हार्ट का इलाज केजीएमयू के लारी डिपार्टमेंट से चल रहा है. रविवार रात सीने में दर्द होने के बाद पिता KGMUलाए गए थे, जहां इमरजेंसी में उनका इलाज शुरू हुआ. डॉक्टरों ने इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि लगाया लेकिन हालत में सुधार में नहीं हुआ. डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने की बात कहते हुए वेंटिलेटर की जरूरत बताई. साथ ही वेंटिलेटर खाली नहीं होने की बात कहते हुए मरीज को लोहिया संस्थान या फिर पीजीआई जाने के लिए कहा.
परिजनों का दावा है कि उन्होंने इतना समय नहीं होने की बात कहते हुए डॉक्टरों से मिन्नतें कीं. खुद पिता अबरार हाथ जोड़कर इलाज की मांग करते रहे. लेकिन इलाज नहीं मिल पाया. आखिर में उन्होंने दम तोड़ दिया.
गौरतलब हो कि वेंटिलेटर एक जीवन रक्षक प्रणाली है. जो मरीज वेंटिलेटर पर हैं, वो बिना वेंटिलेटर के जीवित नहीं रह सकते. इसी वेंटिलेटर की कमी से मरीज की मौत हो गई. ऐसा परिजनों का दावा है.
आशीष श्रीवास्तव